Ranchi : नगड़ी में प्रस्तावित रिम्स-2 को लेकर नगड़ी जमीन बचाओ समिति और ग्रामीणों का विरोध शुरू हो गया है. बुधवार को नगड़ी में आदिवासी सामाजिक और ग्रामीणों की बैठक हुई. इस दौरान ग्रामीणों ने कहा कि 24 अगस्त को ‘खेत जोतो रोपा रोपो’ अभियान के तहत रिम्स टू की जमीन पर हल चलाने का निर्णय लिया गया है. ग्रामीणों ने कहा कि वे विकास विरोधी नहीं हैं, लेकिन खेती योग्य भूमि किसी भी कीमत पर नहीं देंगे.
विकास के नाम पर विनाश : गीताश्री उरांव
पूर्व शिक्षा मंत्री गीताश्री उरांव ने कहा कि रांची पांचवीं अनुसूची क्षेत्र में आता है. इसमें विकास के नाम पर आदिवासियो की जमीन लूटी जा रही है. विकास के लिए खेती योग्य जमीन का अधिग्रहण की कोशिशें हुईं, लेकिन मुआवजा और रोजगार का वादा अधूरा ही रह गया. सरकार जानबूझकर किसानों को खेत बारी से वंचित कर रही है.
रिम्स 2 से 500 रैयत हो जायेंगे बेरोजगार
ग्रामीणों ने बताया कि लगभग 500 रैयतों की 227 एकड़ खेती योग्य जमीन अधिग्रहण की जा रही है. यह उपजाऊ जमीन है, जिसके सहारे हजारों परिवारों का पेट पलता है. रैयत सीता कच्छप ने कहा कि खेती योग्य जमीन ही हमारी जिंदगी है, इसके अलावा हमें कुछ नहीं चाहिए. सरकार नौकरी देगी, नौकरी में आजादी नहीं है.
हम नौकरी नहीं, खेती चाहते हैं
महादेव उरांव ने कहा कि सरकार झूठे वादों से ग्रामीणों को ठग रही है.नगड़ी में लॉ विश्वविद्यालय खोला गया है. यहां पर करीब 8 एकड़ जमीन चला गया है. जमीन लेने के बाद भी अबतक मुआवजा नहीं मिला है और न ही रोजगार मिल रहा है. अगर खेती छिन गई तो गांव उजड़ जाएंगे और लोग बेघर हो जाएंगे.
हल चलाओ, रोपा रोपो चलेगा अभियान
ग्रामीणों ने बताया कि हल चलाओ और रोपा रोपो अभियान चलाया जाएगा. इसमें जिसकी जमीन रिम्स 2 बनाने के लिए ली गई है. वे सभी इस जमीन पर धान रोपने का काम करेंगे और सरकार के फैसले का विरोध करेंगे. विकास चाहिए, लेकिन खेती योग्य जमीन पर अस्पताल नहीं चाहिए.
रिम्स-2 बनाए लेकिन बंजर भूमि पर बनाए
सामाजिक कार्यकर्ता बलकु उरांव ने कहा कि चार महीने से आंदोलन जारी है, लेकिन रिम्स-2 को खेती योग्य जमीन पर नहीं बनाने दिया जाएगा. सरकार को समझना होगा कि यह जमीन कितनी उपजाऊ है और आदिवासियो के लिए यह जमीन कितनी जरूरी है.
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