Ranchi : खूंटी जिले में ड्रोन सर्वे, प्रॉपर्टी कार्ड बनाये जाने के विरुद्ध आदिवासी – मूलवासी अस्तित्व रक्षा रक्षा मंच की ओर से मंगलवार को राजभवन के समक्ष धरना का आयोजन किया गया. धरना को संबोधित करते हुए दयामनी बरला ने कहा कि केंद्र सरकार की नयी स्वामित्व वाली प्रॉपर्टी कार्ड योजना ग्रामीण इलाके के लोगों पर कर का बोझ डालने के उदेश्य से लायी गयी है. इसके लिए सरकार द्वारा खूंटी जिला में ड्रोन सर्वेक्षण के माध्यम से काम भी शुरू कर दिया गया है. सरकार को इसे तत्काल रोकना चाहिए. यह योजना मोदी सरकार द्वारा कारपोरेट घरानों एवं पूंजीपतियों के लिए लायी गयी है. धरना के माध्यम से हेमंत सरकार से खूंटी की जनता मांग करती है कि इस योजना को राज्य में लागू नहीं किया जाये.
अंचल कार्यालयों में पंजी टू में नाम बदल दिये जा रहे हैं
दयामनी बरला ने कहा कि राज्य में ऑनलाइन खतियान में छेड़छाड़ किया जा रहा है. पंरपरगात रैयतों की लगान रसीद नहीं काटी जा रही है. राज्य के अंचल कार्यालयों में पंजी 2 से मूल रैयतों का नाम हटा कर जमीन मालिक का नाम बदल दिये जा रहे हैं. कम पढ़े लिखे सीधे-साधे आदिवासी- मूलवासी किसानों को समझ नहीं आ रहा कि यह क्यों हो रहा है. आखिर इसके लिए कौन जिम्मेदार है. सरकार को इस पर गंभीरता से जांच कर दोषियों पर कार्यवाही करनी चाहिए. आदिवासी मूलवासी अस्तित्व रक्षा मंच, मुंडारी खूंटकट्टी परिषद, आदिवासी एकता मंच की ओर से आयोजित धरने के बाद राजपाल के नाम ज्ञापन सौंपा गया.
क्या है मांग पत्र में
- नयी स्वामित्व योजना संपत्ति कार्ड बनाने के लिए आदिवासी बहुल खूंटी जिला में परंपरागत ग्राम सभाओं एवं आदिवासी किसानों की मांग को अनसुनी करते हुए ड्रोन सर्वे किया जा रहा है. इसे तत्काल रोका जाये.
- मोदी सरकार द्वारा कारपोरेट घरानों एवं पूंजीपतियों के लिए लायी जा रही स्वामित्व योजना झारखंड में लागू ना हो.
- आदिवासी मूलवासी समुदाय के संवैधानिक अधिकारों को सुरक्षित किया जाये.
- रघुवर सरकार के द्वारा गैर मजरुआ आम, गैर मजरुआ खास जमीन को भूमि बैंक में शामिल किया गया है, इस भूमि बैंक को तत्काल रद्द किया जाये.
- सभी जल स्रोत, नदी- नाला के पानी लिफ्ट इरिगेशन के माघ्यम से सिंचाई के लिए किसानों के खेतों तक पहुंचाया जाये.
- ऑनलाइन जमीन के दस्तावेज में छेड़छाड़ एवं जमीन की हेराफेरी को बंद किया जाये.
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