पीटीआर के बाहर से गुजरेगी तीन रेल लाइन, दो का होगा डायवर्सन.
एक नयी लाइन बनेगी, सर्वे के बाद चिह्नित होगी चौथे लाइन के लिए जमीन.
Ranchi: पलामू टाइगर रिजर्व (पीटीआर) में जानवरों को ट्रेन के शोर से मुक्ति मिलेगी. साथ ही जानवरों के साथ किसी भी तरह की दुर्घटना का अंदेशा भी नहीं होगी. पीटीआर से गुजरने वाली रेलवे के दो लाइनों को पीटीआर के बाहर शिफ्ट किया जाएगा. साथ पीटीआर के बाहर एक तीसरा नया रेलवे ट्रैक बनेगा. तीनो रेल लाइन एक साथ ही होगा. उसी के साथ भविष्य में बनने वाले चौथे लाइन के लिए भी जमीन चिन्हित कर लिया जाना है. इसके लिए सर्वे का काम शुरू हो गया है. पीटीआर के निदेशक कुमार आशुतोष ने बताया कि केड़ गांव के पास एक अंडर पास भी बनेगा. ताकि जंगली जानवरों की आवाजाही बेरोकटोक हो सके.
क्या है पूरा मामला
रेलवे के सेंट्रल इंडस्ट्रियल कोर सेक्शन के तहत सोननगर से पतरातू तक फ्रेट कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है. इसके तहत तीसरी नई रेल लाइन बनाई जा रही है. इसी क्रम में पीटीआर में पहले से गुजरने वाली दो रेलवे ट्रैक का भी डायवर्सन किया जाएगा. रेलवे विकास निगम और पलामू टाइगर रिजर्व के बीच जो सहमति बनी है, उसके तहत तीसरी नई रेल लाइन के साथ पहले से मौजूद दो रेलवे ट्रैक को भी डायवर्ट करने को कहा गया है. बताते चलें कि रेलवे विकास निगम ने पलामू टाइगर रिजर्व के एरिया में थर्ड लाइन बिछाने के लिए अनुमति मांगी थी. पलामू टाइगर रिजर्व ने इसे लेकर आपत्ति दर्ज करायी थी. कहा था कि तीसरी लाइन के बन जाने से पलामू टाइगर रिजर्व दो हिस्सों में बंट जाएगा. पीटीआर की आपत्ति के बाद पूरा मामला वाइल्ड लाइफ बोर्ड ऑफ इंडिया को सौंप दिया गया था. अब यह फैसला लिया गया है कि पीटीआर के बाहर से रेलवे लाईन को गुजारा जाए.
बढ़ेगी चार किलोमीटर दूरी
पलामू टाइगर रिजर्व में पूर्व से ही दो रेलवे लाइन है. पहली रेलवे लाईन वर्ष 1964 में बिछाई गयी थी. रेल लाइन बिछाने को लेकर 1906 में रेलवे ने जमीन का अधिग्रहण किया था. जबकि वर्ष 1974-75 में दूसरी लाइन बिछाई गई थी. 1972-73 में पलामू टाइगर रिजर्व का गठन किया गया था. प्रस्ताव के तहत छिपादोहर रेलवे स्टेशन से रेल लाइन डायवर्ट होगी और केड़ गांव होते हुए हेहेगढ़ा तक जाएगी. डायवर्ट होने के बाद इसकी लंबाई करीब चार किलोमीटर बढ़ जायेगी.
प्रस्ताव में क्या क्या है
– अब लातेहार के केड़ गांव के बीच बस्ती से रेल लाइन गुजरेगी.
– इस बात की कोशिश होगी कि रेल लाइन के कारण गांव दो भागों में नहीं बंटे.
– गांव के बाहर से ही रेल लाइन गुजरेगी.
– पलामू टाइगर रिजर्व के चिकन नेक से ही डायवर्जन के बाद रेल लाइन गुजरेगी.
– चिकन नेक में टनल बनाया जायेगा ताकि वन्य जीवों को किसी तरह का नुकसान ना हो.