Search

कोरोना के लिए पब्लिक की लापरवाही जिम्मेदार है, पर यह भी पूछिये कि केंद्र-राज्य ने साल भर में क्या किया !

Girish Malviya
सबसे आसान काम है, हर बात के लिए जनता को दोषी बता दो! जनता मास्क नहीं लगा रही है, इसलिए कोरोना फैल रहा है! जनता सोशल डिस्टेंसिंग नहीं रख रही, इसलिए कोरोना फैल रहा है. जनता के कारण हालात खराब हो रहे हैं. ये जो बोल रहे हैं, उन्हें बड़ी-बड़ी रैलियां, रोड शो करते नेता नहीं दिखते, बस जनता ही दिखती
एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने सोमवार को कहा कि लोगों का कोविड गाइडलाइन का पालन नहीं करने से हालात खराब हुए. उधर, देश के जाने माने डॉक्टर दिल्ली की कोरोना मैनेजमेंट कमेटी के चेयरपर्सन अंजन त्रिखा बोल रहे हैं कि लोग वैक्सीन लगवाने के तुरन्त बाद पार्टी कर रहे हैं! न जाने कौन पार्टी करता दिख गया डॉ साहब को! हमें तो कोई पार्टी करता नहीं दिखा.

इस बार लॉकडाउन का दोष भी जनता पर ही डाला जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तो अपना पल्ला पहले ही झाड़ लिया है. वो कह रहे हैं कि लॉकडाउन का फैसला मुख्यमंत्री करे. मुख्यमंत्री कहते हैं कि लॉकडाउन का फैसला जिले का कलेक्टर करे. जिले के कलेक्टर को सारे अधिकार दे दिये गये हैं. कलेक्टर कहता है, मुझे जो मेरे जिले की क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी कहेगी, मैं भी उसी हिसाब से फैसला लूंगा.

अब इस कमेटी में जिले के दो चार विधायक रहते हैं, जो जन प्रतिनिधि हैं और कुछ अधिकारी रहते हैं. अब उनके कहे कि कौन परवाह करता है. जिले के हॉस्पिटल में बेड अगर भरे हों, बाहर लाइन लगी हो, तो लॉकडाउन घोषित हो जाता है. सब जनता के भले के लिए ही होता है.
बस यह सवाल कोई नहीं पूछता कि केंद्र व राज्यों की सरकारों को एक साल मिला. उसने इस एक साल में कोरोना से लड़ने के लिए और देश के लोगों को बचाने के लिए क्या व्यवस्था की ?
आज (13 अप्रैल) प्रधानमंत्री मोदी पश्चिम बंगाल में तीन-तीन चुनावी रैलियां कर रहे हैं. कोई डॉक्टर, टीवी चैनल या बड़ा मीडिया हाउस यह सवाल नहीं उठायेगा कि वह क्यों भीड़ जुटा रहे हैं. कोई नहीं पूछेगा कि बिना मास्क के गृहमंत्री रोड शो कैसे कर रहे हैं. कोई यह सवाल नहीं उठा सकता कि केंद्र सरकार ने साल भर क्या किया और अब क्या कर रही है.

लेकिन उन्हें (केंद्र व राज्य सरकार के मुखिया को) मालूम है कि डॉक्टर्स, मीडिया के सारे संपादक, टीवी चैनल के तमाम एंकर जब एक सुर से जनता को ही दोषी बताने में लगे हैं, तो हमसे कौन सवाल पूछेगा? जनता लापरवाह हो सकती है. लेकिन आज बनी हुई परिस्थितियों की असली दोषी सरकार ही है!
डिस्क्लेमर : ये लेखक के निजी विचार हैं.

Comments

Leave a Comment

Follow us on WhatsApp