NewDelhi : पुलवामा आतंकवादी हमले (2019) को लेकर जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक तथा सेना के पूर्व प्रमुख शंकर रायचौधरी के बयानों से साफ हो गया है कि यह हमला प्रशासनिक विफलता और खुफिया नाकामी का परिणाम था. कांग्रेस ने आज मंगलवार को यह कहते हुए मांग की कि इस हमले को लेकर सरकार को श्वेत पत्र जारी करना चाहिए.
जब पुलवामा हमला हुआ तो मीडिया ने राहुल गांधी जी से पूछा कि-
क्या ये इंटेलिजेंस फेल्योर नहीं है, क्या जवानों को हवाई मार्ग से नहीं लाया जा सकता था?
राहुल गांधी जी ने जवानों के परिजनों के प्रति संवेदना जताई, इस घटना के लिए चिंता व्यक्त की लेकिन कोई राजनीतिक बात नहीं की।
— Congress (@INCIndia) April 18, 2023
हमारी सरकार से मांग है कि पुलवामा हमले की विस्तृत जांच हो और उसकी रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए।
सरकार एक श्वेत पत्र भी जारी करे ताकि संवेदनशील इलाकों में तैनात सैनिकों की सुरक्षा और मजबूत हो।
: विंग कमांडर (रि.) @AnumaVidisha जी pic.twitter.com/WcVBZGSroo
— Congress (@INCIndia) April 18, 2023
The revelations made by Satya Pal Malik ji raise serious questions-
Q: How did the attacks take place?
Q: What led to the intel failure?
Q: Why were aircrafts denied to the troops?
Q: Who evaded the responsibility?The nation demands an answer!
: Col Rohit Chaudhary (Rtd.) pic.twitter.com/14RPSe9xWO
— Congress (@INCIndia) April 18, 2023
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जवानों को विमान से क्यों नहीं पहुंचाया गया
जान लें कि कांग्रेस नेता शक्तिसिंह गोहिल, सेवानिवृत्त कर्नल रोहित चौधरी सहित सेवानिवृत्त विंग कमांडर अनुमा आचार्य ने आज यहां कांग्रेस मुख्यालय में सयुंक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया. कहा कि सरकार बताये कि क्या यह हमला सरकारी विफलता और खुफिया तंत्र की नाकामी का परिणाम था. सरकार को यह भी बताना चाहिए कि जवानों को विमान से क्यों नहीं पहुंचाया गया. पूछा कि सुरक्षा चूक के लिए सीआरपीएफ के साथ गृह मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और प्रधानमंत्री कार्यालय की क्या भूमिका थी.
कांग्रेस ने कहा, पुलवामा हमला ऐसी चूक है जिसका ज़िम्मेदार कोई नहीं है. मांग की कि इस हमले को लेकर खुफिया, सुरक्षा और प्रशासनिक विफलताओं की जवाबदेही तय करने के लिए सरकार को श्वेत पत्र प्रकाशित करना चाहिए. इससे साफ हो सकेगा कि हमारे 40 जवान 14 फरवरी 2019 को पुलवामा में आतंकियों के 78 वाहनों के काफिले पर 300 किलो विस्फोटक से हुए हमले में कैसे शहीद हो गये.
सत्यपाल मलिक ने इंटरव्यू में हमले को लेकर चौंकाने वाले खुलासे किये
संवाददाता सम्मेलन में कांग्रेस प्रवक्ताओं ने कहा, पुलवामा हमले के समय जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल रहे सत्यपाल मलिक ने हाल ही में एक इंटरव्यू में इस हमले को लेकर चौंकाने वाले खुलासे किये हैं. इसके बाद 17 अप्रैल को एक राष्ट्रीय अंग्रेजी दैनिक को दिये इंटरव्यू में पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल शंकर रॉयचौधरी ने भी इस हमले को लेकर गंभीर चिंता जताई है. कांग्रेस ने कहा कि श्री मलिक और जनरल रायचौधरी के बयान से स्पष्ट हो गया है कि पुलवामा हमला खुफिया नाकामी और प्रशासनिक विफलता का परिणाम है.
आतंकवादियों के पास लगभग 300 किलो विस्फोटक कैसे पहुंचा
पूर्व सेना अध्यक्ष ने साफ कहा कि यदि विमान से सैनिकों को जम्मू से श्रीनगर पहुंचाया जाता तो 40 जवानों को शहीद होने से बचाया जा सकता था. उन्होंने इस खुलासे को लेकर प्रधानमंत्री मोदी से सवाल किया कि जब नागरिक उड्डयन विभाग, वायु सेना और बीएसएफ के पास विमान उपलब्ध थे तो 2500 सीआरपीएफ़ जवानों को विमान से क्यों नहीं भेजा गया. यह भी पूछा कि आतंकवादी हमले की खुफिया चेतावनी किन कारणों से नज़रअंदाज हुई. कांग्रेस नेताओं ने कहा कि पुलवामा क्षेत्र सुरक्षा की दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील है.. वहां सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रहती है इसके बावजूद आतंकवादियों के पास लगभग 300 किलो विस्फोटक कैसे पहुंचा.
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