Deepak Ambastha क्या कांग्रेस के ताबूत में अंतिम कील पंजाब ही बनेगा, कांग्रेस के तथाकथित बागी नेता कपिल सिब्बल ने नेहरू गांधी परिवार से बड़ा सही सवाल पूछा है कि पार्टी का कोई अध्यक्ष नहीं है तो फैसले कौन ले रहा है, उसे पंजाब की स्थिति पर जवाब देना चाहिए. कांग्रेस नेता मनीष तिवारी कह रहे हैं पंजाब के हालात से पाकिस्तान खुश है. ऐसे समय में जब संकट सिर चढ़कर बोल रहा है तो राहुल गांधी दक्षिण की यात्रा कर रहे हैं. बेहतर होता वह पंजाब की ओर ध्यान देते, पंजाब में कांग्रेस की बिगड़ती स्थिति, नवजोत सिंह सिद्धू की नाराजगी और हर बात अपनी ही मनवाने की जिद पर पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि सिद्धू की गतिविधियां देश हित में नहीं है और पंजाब जैसे सीमा प्रांत में तो यह बेहद खतरनाक है, कैप्टन ने कहा कि वह पहले से कहते रहे नवजोत सिद्धू अस्थिर आदमी हैं. कल तक उछल कूद मचा रहे नवजोत सिद्धू ने अचानक से पंजाब प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया और किसी के मनाने पर मानने को तैयार नहीं हैं, सिद्धू की इस हरकत से जहां पंजाब कांग्रेस में सिद्धू समर्थक खेमा पस्त है तो सिद्धू की गतिविधियों पर नजर रखने वाले नेता कह रहे हैं कि सिद्धू की जिद, कि पंजाब में पत्ता भी खड़के तो उन्हीं के इशारे पर और नहीं तो फिर वो चले ने राहुल गांधी की मिट्टी पलीद कर दी है, जानकार इसे सिद्धू की ब्लैक मेलिंग हरकत बताते हैं. पंजाब में कांग्रेस की भद्द पिट रही है और राहुल गांधी चुप हैं वह दक्षिण की यात्रा कर रहे हैं जहां उनका बयान है कि नरेंद्र मोदी लोगों को तोड़ने का काम कर रहे हैं तो राहुल गांधी लोगों को जोड़ने के लिए पुल बना रहे हैं. लेकिन पंजाब के राजनीतिक हालात ने यह बता दिया है कि कि राहुल गांधी को न सामने की चीज समझ आ रही है और ना इतिहास से सबक लेना जानते हैं, पंजाब कांग्रेस की जो दशा है वह राहुल के बयान की चुगली खाती है. ऐसा लगता है कि पंजाब में हर कांग्रेसी ने अपना एक खेमा बना लिया है, स्थिति को देखते हुए गुलाम नबी आजाद ने सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर कांग्रेस वर्किंग कमिटी सीडब्ल्यूसी की बैठक बुलाने की मांग की है. कांग्रेस में बगावत के सुर फूट रहे हैं और इसकी वजह है पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र का एकदम से खत्म होना वैसे भी पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी और कई अवसरों पर पंडित जवाहरलाल नेहरू ने भी सिर्फ अपनी ही सुनी किसी और की नहीं जैसा कि आज राहुल गांधी कर रहे हैं. लेकिन तब परिस्थितियां और थीं आज और हैं. पार्टी ने अब सोनिया गांधी और राहुल गांधी के सामने सवाल खड़े करने शुरू कर दिये हैं कि पंजाब में और पूरे देश में कांग्रेस की दुर्गति का जिम्मेदार कौन है ? लगता नहीं है कि सोनिया या राहुल इस दफे ऐसे सवालों से आसानी से दामन बचा ले जाएंगे, क्योंकि पंजाब में नवजोत सिद्धू और अमरिंदर सिंह की खींचतान ने जो स्थिति पैदा कर दी है उस पर राहुल गांधी के मनमाने फैसलों ने वरिष्ठ कांग्रेसियों के सब्र का बांध तोड़ दिया है. इसे भी पढ़ें-देवघर">https://lagatar.in/acb-arrested-je-of-electricity-department-in-deoghar-on-charges-of-bribery/">देवघर
में बिजली विभाग के जेई को ACB ने घूस लेने के आरोप में किया गिरफ्तार कपिल सिब्बल और गुलाम नबी आजाद ने जिस भाषा और जिस तल्ख लहजे का इस्तेमाल किया है वह अभूतपूर्व है. गुलाम नबी आजाद ने कहा कि "हम जी हुजूर 23 " नहीं हैं, हम अपनी बात कहते रहेंगे इसका अर्थ है कि लगातार">http://lagatar.in">लगातार
हैमरिंग होगी ऐसा होता है तो पार्टी और देश में सोनिया गांधी ,राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा की मुसीबतें बढ़ती चली जाएंगी. कपिल सिब्बल कहते हैं कि पार्टी का कोई अध्यक्ष नहीं है और फैसले हो रहे हैं, हम जानते हैं फैसले कौन ले रहा है, लेकिन फिर भी हम नहीं जानते हैं यह व्यक्ति कौन है, सिब्बल राहुल गांधी पर इससे बड़ा तंज और क्या कर सकते हैं,वार पलटवार में दिल्ली शायद मन बना चुकी है कि G23 से पीछा छुड़ाने का समय आ गया है. तभी सिब्बल के बयान के बाद गुरुवार की सुबह से कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सिब्बल के घर का दरवाजा घेर रखा है. मुर्दाबाद के नारे समेत कई नारे लग रहे हैं कपिल सिब्बल पर बयान वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा है पर नहीं लगता कि सिब्बल पीछे हटेंगे, पंजाब के घटनाक्रम ने नेहरू गांधी परिवार के आगे से वह पर्दा खींच लिया है. जिसकी आड़ में लंबे समय से सोनिया गांधी या राहुल गांधी बगैर जिम्मेदारी अकूत शक्ति के मजे लूट रहे हैं पर अब समय करवट ले रहा है. G 23 के छिटके लोग, जितिन प्रसाद और सिंधिया जैसे नेताओं का कांग्रेस छोड़ना कैप्टन अमरिंदर की बेइज्जती अब अपना हिसाब मांग रही है. कांग्रेस में बेइज्जती झेल रहे पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री नई दिल्ली में गृह मंत्री और भाजपा नेता अमित शाह से मिल आए,अब वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिलने वाले हैं, अमित शाह से मुलाकात के बाद कैप्टन ने ट्वीट किया कि कृषि कानून और किसान आंदोलन पर चर्चा हुई, कैप्टन की ट्वीट का बड़ा राजनीतिक अर्थ है,शाह से मुलाकात की वजह जो भी हो लेकिन टाइमिंग बहुत अच्छी है. उधर बेलगाम सिद्धू ने प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया इधर कैप्टन ने अपनी चाल चली, G23 ने इस पर तड़का लगा दिया. अब सारी मुसीबत नेहरू गांधी परिवार की जिसके आगे कुआं पीछे खाई है. अब देखना है कि क्या सोनिया गांधी इस संकट से उबर सकेंगी ? क्योंकि राहुल और प्रियंका तो इस लायक हैं ही नहीं. इसे भी पढ़ें-CM">https://lagatar.in/cm-instructions-october-15-give-benefit-housing-scheme-all-the-needy-develop-forced-tribal-sisters/">CM
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कांग्रेस के ताबूत में अंतिम कील पंजाब तो नहीं

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