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कांवड़ यात्रा में क्यूआर कोड, सुप्रीम कोर्ट 22 को करेगा सुनवाई, योगी सरकार को नोटिस


New Delhi :  सुप्रीम कोर्ट  द्वारा 22 जुलाई को कांवड़ यात्रा के दौरान उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के क्यूआर कोड आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई किये जाने की खबर है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.  इन QR कोड को स्कैन कर दुकान मालिकों के नाम सामने आ सकते हैं.

 


याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट  में गुहार लगाते हुए कहा है कि यूपी सरकार का आदेश पिछले साल सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है. याद करें कि पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने यूपी और उत्तराखंड सरकार को इस तरह का आदेश लागू करने से रोक दिया था.

 

उस आदेश के अनुसार दुकानदारों को सिर्फ यह बताना होगा कि वे क्या भोजन परोस रहे हैं. उन्हें अपना और अपने कर्मचारियों का नाम बताना जरूरी नहीं. उन्हें अपने प्रतिष्ठानों के मालिकों और कर्मचारियों के नाम और पहचान प्रदर्शित करने के लिए बाध्य नहीं किया जाये. 

 


दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद झा और कार्यकर्ता आकार पटेल ने यूपी की योगी सरकार के साल 2025 के आदेश को चुनौती दी है. सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि यह आदेश सुप्रीम कोर्ट के पिछले साल के आदेश का उल्लंघन है, क्योंकि इसका उद्देश्य वही भेदभावपूर्ण प्रोफाइलिंग हासिल करना है जिसे कोर्ट ने रोक दिया था.
 


सरकार का कहना है कि यह हिंदू कैलेंडर का श्रावण मास है. शिवलिंगों का जलाभिषेक करने के लिए बड़ी संख्या में भक्त गंगा से पवित्र जल लेकर आते हैं. यात्रा के दौरान उन्हें रास्ते में भोजन या नाश्ता करने के लिए ठहरना पड़ता है. श्रावण मास में अधिकतर श्रद्धालु मांसाहार नहीं करते हैं. कई तो प्याज और लहसुन युक्त भोजन भी नहीं खाते.

 

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