Ranchi/Hazaribagh : हजारीबाग में हर दूसरे महीने दो समुदायों के बीच हिंसक झड़प की घटनाएं हो रही हैं. ऐसे में जिले में विधि व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं. पिछले 11 महीने की बात करें तो हजारीबाग के अलग-अलग क्षेत्रों में दो समुदायों के बीच छह हिंसक झड़प की घटनाएं हुई हैं.
गौरतलब है कि दो दिन पहले महाशिवरात्रि के दिन भी हजारीबाग के इचाक में दो समुदायों के बीच हिंसक झड़प हुई थी. धार्मिक झंडा और लाउडस्पीकर लगाने को लेकर दो गुटों में हुई झड़प के बाद पत्थरबाजी और गाड़ियों में आगजनी भी की गयी थी. इस झड़प में कई लोग घायल हुए थे.
विपक्षी पार्टी भाजपा ने 27 फरवरी को झारखंड विधानसभा के बजट सत्र में हजारीबाग हिंसा का मुद्दा उठाया था और इसकी निष्पक्ष और गहन जांच कराने की मांग की थी.
हजारीबाग घटना को लेकर राज्यपाल ने सीएम से ली जानकारी
इधर राज्यपाल संतोष गंगवार ने महाशिवरात्रि के दिन हजारीबाग के इचाक में हुई हिंसा को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से बात की थी. राज्यपाल ने सरकार से उचित कदम उठाने को कहा था. साथ ही इससे जुड़े कई बिंदुओं पर मुख्यमंत्री का ध्यान आकृष्ट कराया.
हर दूसरे महीने दो समुदायों के बीच हो रही हिंसक झड़पें :
– 26 फरवरी 2025 : हजारीबाग जिले के इचाक में महाशिवरात्रि के पर्व पर साउंड सिस्टम लगाने को लेकर दो समुदायों के बीच झड़प हुई. इस दौरान उपद्रवियों ने पत्थरबाजी की. साथ ही कई गाड़ियों में तोड़फोड़ और सड़क पर आगजनी की.
– 19 सितंबर 2024 : हजारीबाग के बड़कागांव में प्रतिमा विसर्जन के दौरान दो गुटों के बीच पथराव हुई थी. इस घटना में कई लोग घायल हुए थे.
– 15 जुलाई 2024 : हजारीबाग जिले के बड़कागांव स्थित विश्रामपुर में एक गुट ने दूसरे गुट पर मारपीट का आरोप लगाया. जिसके बाद सैकड़ों की संख्या में लोग थाना पहुंच गये थे.
– 16 जुलाई 2024 : हजारीबाग जिले के बड़कागांव थाना क्षेत्र स्थित सोनपुरा गांव में दो पक्षों में विवाद हुआ था. देखते ही देखते दोनों पक्षों की ओर से पत्थरबाजी शुरू हो गयी थी. पुलिस ने स्थिति को संभालने और भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे थे.
– 17 जुलाई 2024 : हजारीबाग जिले के बड़कागांव थाना क्षेत्र के महुदी सोनपुरा इलाके में दो गुटों के बीच झड़प के बाद पथराव की घटना हुई थी.
– 09 अप्रैल 2024: हजारीबाग जिले के बड़कागांव स्थित छवनिया में कलश यात्रा के दौरान दो पक्षों के बीच झड़प हुई थी. इस दौरान एक पक्ष के लोगों ने लाठी-डंडे के बल पर कलश यात्रा को रोकने की कोशिश की थी.
झारखंड में छोटे-छोटे पर्व त्यौहार भी होते जा रहे हैं संवेदनशील
झारखंड में छोटे-छोटे पर्व-त्यौहार भी संवेदनशील होते जा रहे हैं. इस बात का खुलासा झारखंड पुलिस की रिपोर्ट में हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक, हाल के कुछ वर्षों में कम संवेदनशील त्यौहारों (सरस्वती पूजा, गणेश पूजा, मिलाद उन नबी) में भी विधि व्यवस्था की गंभीर समस्या उत्पन्न हुई है.
झारखंड के जो क्षेत्र पहले सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील नहीं थे, अब वहां भी पर्व-त्यौहारों में अशांति का माहौल देखा जा रहा है. इसमें संथाल परगना के सभी जिले सहित कोडरमा जिला शामिल है.
रिपोर्ट में यह बात भी सामने आयी है कि इन दिनों लगभग सभी पर्व-त्यौहारों में निकलने वाले जुलूसों में युवा, बच्चे और विशेषकर महिलाओं की बड़ी भागीदारी है.