बोकारो : राज्य में नक्सलियों को सरेंडर कराने पर पुलिस मेंस एशोसिएशन ने सवाल खड़े किए हैं. एशोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष राकेश पांडेय ने बोकारो में प्रेस वार्ता कर सवाल उठाते हुए कहा कि सरेंडर वही नक्सली करता है जो डेड है या जिस नक्सलियों से सरकार को डर है. नक्सलियों का खून खराबा करना किसी से छुपा नहीं है, फिर भी सरकार उसका महिमामंडन करती है. नक्सलियों को सरकारी राशि देकर सम्मानित किया जाता है. वहीं नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन में पुलिसकर्मिंयों के मारे जाने या अपंग हो जाने पर किसी तरह की सुविधाएं मुहैया नहीं कराई जाती. उन्होंने कहा कि सुविधाएं मिलने पर पलभर में नक्सलियों को धराशायी करने का जज्बा पुलिसकर्मिंयों को है, लेकिन उन्हें सिर छुपाने की जगह नहीं है. बुनियादी सुविधाएं भी मयस्सर नहीं होने पर पुलिसकर्मिंयों की दुर्दशा है. राज्य में पुलिसकर्मी आत्महत्या करने पर मजबूर हैं, जिसकी मुख्य वजह तनाव है. मुख्यमंत्री पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि वे हमसे मिलने को तैयार नहीं हैं. हमारी समस्याएं नहीं सुनी जा रही है. ऐसा कर सरकार पुलिसकर्मियों के धैर्य की परीक्षा ले रही है. सरकार उग्रवाद पर नई नीति बना सकती है तो फिर पुलिसकर्मियों के लिए नई नीति क्यों नहीं बनाती? उन्होंने कहा कि जवानों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराए जाने पर एसोसिएशन आंदोलन छेड़ने पर बाध्य होगा. यह भी पढ़ें : चंद्रपुरा">https://lagatar.in/your-rights-your-government-program-in-chandrapura/">चंद्रपुरा
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नक्सलियों के सरेंडर पर खड़े किए सवाल

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