Manish Bhardwaj
Ranchi: प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (PLFI) के सुप्रीमो दिनेश गोप इन दिनों रांची के RIMS अस्पताल के कैदी वार्ड में भर्ती हैं, जहां उनका इलाज चल रहा है. उनकी सेहत को लेकर परिवार ने गंभीर चिंता जताई है और उनके बेहतर इलाज के लिए AIIMS दिल्ली भेजने की मांग की है. परिवार ने सवाल उठाया है कि जब एक साल पहले RIMS की मेडिकल कमेटी ने ही यह कहा था कि यहां उनका इलाज संभव नहीं, तो अब दोबारा कमेटी क्यों बनाई जा रही है?
ब्लड सैंपल और CT स्कैन के बाद रिपोर्ट का इंतजार
बुधवार को दिनेश गोप का ब्लड सैंपल लिया गया, जिसकी रिपोर्ट गुरुवार तक आने की संभावना है. सूत्रों के मुताबिक, उनका CT स्कैन भी किया जाएगा ताकि उनकी हड्डियों की स्थिति स्पष्ट हो सके. डॉ. आनंद प्रकाश की देखरेख में उनका इलाज चल रहा है, लेकिन परिवार का कहना है कि उनकी हड्डियों में गंभीर समस्या है और प्लास्टिक सर्जरी की जरूरत है, जो RIMS में संभव नहीं.
परिवार की चिंता- सुरक्षा और इलाज दोनों पर सवाल
दिनेश गोप की मां ने उनकी सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर की है. उनका कहना है कि कैदी वार्ड में उनकी सुरक्षा को लेकर खतरा बना हुआ है और उन्हें कड़ी सुरक्षा के साथ किसी अन्य वार्ड में शिफ्ट किया जाए. परिवार को इस बात की भी शिकायत है कि उन्हें दिनेश गोपे से मिलने तक की अनुमति नहीं दी जा रही. परिवार के एक सदस्य ने कहा, “एक साल पहले जब RIMS की कमेटी ने खुद कहा था कि यहां इलाज संभव नहीं, तो अब फिर से नई कमेटी बनाने की क्या जरूरत है? हमें डर है कि कहीं सुनवाई से पहले ही कुछ गलत न हो जाए.”
हाईकोर्ट में सुनवाई, बड़ा फैसला संभव!
परिवार की इस याचिका पर गुरुवार को झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है. परिवार को उम्मीद है कि कोर्ट दिनेश गोप को बेहतर इलाज के लिए AIIMS दिल्ली भेजने का निर्देश देगा. सवाल ये है कि जब RIMS पहले ही इलाज से इनकार कर चुका था, तो क्या प्रशासन उनकी सुरक्षा और स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है? अब सबकी नजरें हाईकोर्ट के फैसले पर टिकी हैं. देखना होगा कि क्या दिनेश गोपे को बेहतर इलाज के लिए दिल्ली भेजा जाएगा या फिर प्रशासन RIMS में ही उनके इलाज को लेकर कोई नया फैसला लेगा?
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