Ranchi : पूर्व मध्य रेलवे (निर्माण) विभाग की कार्यशैली को लेकर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं. झारखंड रेल यूजर एसोसिएशन ने कोडरमा–बरकाकाना रेल लाइन दोहरीकरण परियोजना में लगातार हो रही देरी पर सवाल उड़ाया है.
जानकारी में अनुसार, 11 जून को कोडरमा–बरकाकाना रेल लाइन दोहरीकरण परियोजना को बड़े उत्साह के साथ मंजूरी दी गई थी. उस समय कहा गया था कि इस परियोजना से झारखंड के विकास को गति मिलेगी, ट्रेनों की संख्या बढ़ेगी और रेल यातायात सुगम होगा. लेकिन जमीनी हकीकत अब तक इन दावों से बिल्कुल उलट नजर आ रही है.

झारखंड रेल यूजर एसोसिएशन का कहना है कि परियोजना के पहले चरण (कोडरमा–कठौतिया सेक्शन) के लिए अक्टूबर में टेंडर जारी करने और जनवरी में टेंडर अवॉर्ड करने का वादा किया गया था. इसके बाद विभाग ने टाइम लाइन बदलते हुए कहा कि टेंडर नवंबर में आएगा और अवॉर्ड अप्रैल में होगा. फिर एक और दावा किया गया कि टेंडर दिसंबर में जारी किया जाएगा.
लेकिन दिसंबर खत्म हो चुका है, लेकिन अब तक टेंडर जारी नहीं हो सका. साथ ही अब ताजा बयान में कहा जा रहा है कि टेंडर 10 जनवरी को जारी किया जाएगा.एसोसिएशन का कहना है कि हर महीने केवल तारीखें बदली जा रही हैं, जबकि काम एक कदम भी आगे नहीं बढ़ा है. अगर सिर्फ टेंडर जारी करने में ही चार महीने से ज्यादा की देरी हो रही है, तो टेंडर अवॉर्ड काम शुरू होने और पूरे प्रोजेक्ट के पूरा होने में कितना समय लगेगा, यह एक बड़ा सवाल बन गया है.

साथ ही उन्होंने आशंका जताई है कि कहीं यह महत्वाकांक्षी परियोजना भी दश-वर्षीय योजना बनकर न रह जाए और जनता केवल घोषणाएं ही सुनती रहे.झारखंड रेल यूजर एसोसिएशन ने स्पष्ट मांग की है कि अब जनता को तारीखें नहीं,बहाने नहीं और सिर्फ प्रेस नोट नहीं चाहिए बल्कि ठोस काम, जवाबदेही और स्पष्ट व तय टाइमलाइन चाहिए.
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