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राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर हल्ला बोला, कहा, हम मध्ययुगीन काल में वापस जा रहे हैं

New Delhi :  लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने आज बुधवार को कहा कि भाजपा द्वारा प्रस्तावित नये विधेयक(पीएम, सीएम और मंत्रियों के 30 दिन से अधिक समय तक गिरफ्तारी की दशा में पद से हटाये जाने का प्रावधान करने वाला विधेयक) को लेकर देश में काफी चर्चा हो रही है.

 

 

 

राहुल गांधी ने कहा कि हम मध्ययुगीन काल में वापस जा रहे हैं. जब राजा अपनी मर्जी से किसी को भी हटा सकता था. निर्वाचित व्यक्ति क्या होता है, इसकी कोई अवधारणा ही नहीं है. 

 

 

राहुल गांधी ने बिना पीएम मोदी का नाम लिये कहा, उसे आपका चेहरा पसंद नहीं आता, इसलिए वह ईडी को केस दर्ज करने को कहता है और फिर एक लोकतांत्रिक रूप से चुने गए व्यक्ति को 30 दिनों के भीतर हटा दिया जाता है. यहां संविधान पर हमला करने वालों और इसका बचाव करने वालों के बीच युद्ध चल रहा है.

 

 

 

राहुल गांधी ने इस क्रम में कहा कि बिहार में वोट चोरी का मुद्दा आग की तरह फैल रहा है. वहां के बच्चे-बच्चे की जुबान पर वोट चोरी की बात है. कहा कि दरअसल, इस देश की आत्मा किसी भी बात को बहुत जल्दी समझ जाती है. भाजपा  की सोच थी कि अलग-अलग राज्यों में वोट चोरी करेंगे, लेकिन अब लग रहा है कि बिहार से बदलाव शुरू हो गया है.  

 

 

 

राहुल गांधी ने कहा कि मैं आप सभी को बिहार में जारी वोटर अधिकार यात्रा में शामिल होने के लिए आमंत्रित कर रहा हूं. आप वहां आकर देखिए कि बिहार में वोट चोरी का मुद्दा कैसे फैल रहा है.    बिहार में सब लोग कह रहे हैं कि वोट चोरी हुई है. बिहार की जनता वोट चोरी का विरोध कर रही है और जल्द ही पूरा देश इसके विरोध में होगा.

 

 


राहुल गांधी ने उपराष्ट्रपति पद के चुनाव को लेकर कहा कि कल ही मैं किसी से बात कर रहा था. उसने कहा कि  आप नया उपराष्ट्रपति क्यों चुन रहे हैं.  मैंने कहा, तुम्हें पता है, पुराना उपराष्ट्रपति कहां चला गया? वो क्यों छिप रहे हैं? क्या भारत के उपराष्ट्रपति ऐसी स्थिति में हैं कि वो एक शब्द भी नहीं बोल पा रहे हैं?

 

 

 राहुल गांधी ने जो व्यक्ति(जगदीप धनखड़) राज्यसभा में फूट-फूट कर बोलता था, वो अचानक चुप हो गया है, बिल्कुल चुप. इंडिया अलायंस के उम्मीदवार न्यायमूर्ति सुदर्शन रेड्डी का जिक्र करते हुए कहा कि उनके पास दशकों का न्यायिक और कानूनी अनुभव है. कहा कि संवैधानिक मूल्यों के समर्थक होने के नाते, वे सभी दलों में लोकप्रिय हैं. वे एक बुद्धिमान और वैचारिक रूप से एकनिष्ठ व्यक्ति हैं. 

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