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बैंकों की हड़ताल पर बोले राहुल गांधी, केंद्र सरकार लाभ का निजीकरण और नुकसान का राष्ट्रीयकरण कर रही है

NewDelhi : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी बैंककर्मियों की हड़ताल के समर्थन में खड़े हो गये हैं. बता दें कि बैंकों की हड़ताल को लेकर राहुल गांधी ने मोदी सरकार के खिलाफ हल्ला बोला है.  राहुल गांधी ने मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों पर निशाना साधते हुए मंगलवार को ट्वीट किया, केंद्र सरकार लाभ का निजीकरण और नुकसान का राष्ट्रीयकरण कर रही है. लिखा कि सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों को क्रोनी के हाथों में बेचना भारत की वित्तीय सुरक्षा के साथ समझौता होगा.  राहुल गांधी ने कहा कि बैंककर्मियों की हड़ताल में मैं उनके साथ खड़ा हूं. बता  दें कि आज बैंककर्मियों की हड़ताल का दूसरा दिन है. इसे भी पढ़ें : पश्चिम">https://lagatar.in/west-bengal-swapan-dasgupta-may-get-bjp-ticket-expensive-tmc-asked-to-quit-rajya-sabha-membership/38072/">पश्चिम

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बैंकों के प्राइवेटाइजेशन के  विरोध में  कांग्रेस  

इससे पहले भी कांग्रेस सार्वजनिक क्षेत्र के दो और बैंकों के प्राइवेटाइजेशन के प्रस्ताव के विरोध में सरकारी बैंकों के कर्मचारियों की हड़ताल का समर्थन किया था. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सरकार बैंकों को बेचकर डिसइंवेस्टमेंट से जुड़े टारगेट को हासिल करना चाहती है. पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा था कि पब्लिक सेक्टर के बैंकों को बेचने की बजाय में उनमें अधिक जवाबदेही सुनिश्चित करने की जरूरत है. इसे भी पढ़ें : सरकारी">https://lagatar.in/second-day-of-nationwide-strike-of-state-run-banks-workers-sitting-on-strike-against-privatization/38051/">सरकारी

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डिपॉजिट, चेक क्लियरिंग और कारोबारी लेनदेन प्रभावित

बता दें कि पब्लिक सेक्टर के दो और बैंकों के प्राइवेट किये जाने के प्रस्ताव के विरोध में सरकारी बैंकों की हड़ताल के पहले दिन बैंकिंग कामकाज खासा प्रभावित रहा. हड़ताल के कारण सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में कैश विडॉल, डिपॉजिट, चेक क्लियरिंग और कारोबारी लेनदेन प्रभावित हुआ. जान लें कि 9 यूनियनों के संगठन UFBU ने 15 और 16 मार्च को हड़ताल का आह्वान किया था. इसे भी पढ़ें : पांच">https://lagatar.in/indias-imports-of-weapons-reduced-by-33-percent-in-five-years-indias-target-of-1-75-lakh-crore-defense-business-by-2025/38029/">पांच

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सरकार की नीतियों का अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल असर पड़ेगा

ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन (एआईबीओसी) के महासचिव सौम्य दत्ता ने कहा कि सरकार की नीतियों का अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल असर पड़ेगा. इसका परिणाम राज्यों के आगामी विधानसभा चुनावों के नतीजों में भी दिखेगा. उन्होंने कहा कि कुछ शीर्ष स्तर के कर्मचारियों को छोड़कर बैंकों के सभी कर्मचारी इस दो दिन की हड़ताल में शामिल हुए हैं. दत्ता ने कहा कि हड़ताल से नकदी निकासी, जमा, लेनदेन, ऋण प्रक्रिया, चेक समाशोधन जैसी सभी बैंकिंग सेवाएं प्रभावित हुई हैं. उन्होंने कहा कि हड़ताली कर्मचारियों ने देशभर में जहां अनुमति मिली वहां रैलियां निकाली. इसके अलावा वे धरने पर बैठे. दत्ता ने कहा कि यदि सरकार ने हमारी बातों को नहीं सुना, तो हम और बड़ा कदम भी उठा सकते हैं. यह कदम किसान आंदोलन की तरह अनिश्चितकालीन हड़ताल का हो सकता है.

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