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राहुल गांधी ने कहा, संसद अहंकार की ईंटों से नहीं, बल्कि संवैधानिक मूल्यों से बनती है, नये भवन के उद्घाटन समारोह का सामूहिक बहिष्कार

 New Delhi : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज बुधवार को कहा कि संसद के नये भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों नहीं कराया जाना और समारोह में भी उन्हें आमंत्रित नहीं किया जाना देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद का अपमान है. उन्होंने यह भी कहा कि संसद अहंकार के इंटों से नहीं, बल्कि संवैधानिक मूल्यों से बनती है.            ">https://lagatar.in/category/desh-videsh/">

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संसद में लोकतंत्र की शहनाई बजनी चाहिए

राहुल गांधी ने ट्वीट किया, राष्ट्रपति से संसद का उद्घाटन न करवाना और न ही उन्हें समारोह में बुलाना -यह देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद का अपमान है.  संसद अहंकार की ईंटों से नहीं, बल्कि संवैधानिक मूल्यों से बनती है. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा, संसद में लोकतंत्र की शहनाई बजनी चाहिए, लेकिन जब से स्वघोषित विश्वगुरु पधारे हैं, एकतंत्र` की तोप चलाई जा रही है. इमारत नहीं, नीयत बदलो!

 मोदी द्वारा संसद के नये भवन का उद्घाटन करने का फैसला लोकतंत्र पर सीधा हमला  

विपक्ष के 19 दलों ने बुधवार को ऐलान किया कि वे संसद के नये भवन के उद्घाटन समारोह का सामूहिक रूप से बहिष्कार करेंगे क्योंकि इस सरकार के कार्यकाल में संसद से लोकतंत्र की आत्मा को निकाल दिया गया है और समारोह से राष्ट्रपति को दूर रखकर अशोभनीय कृत्य किया गया है. उन्होंने एक संयुक्त बयान में यह आरोप भी लगाया कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को उद्घाटन समारोह से दरकिनार करना और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा संसद के नये भवन का उद्घाटन करने का फैसला लोकतंत्र पर सीधा हमला है. उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 28 मई को संसद के नए भवन का उद्घाटन करेंगे. [wpse_comments_template]