- राहुल ने पकड़ी नब्ज, आदिवासी एवं लोकल इश्यू पर फोकस कर दिया भाषण
- राहुल के दौरे का झारखंड के प्रथम फेज में होने वाले चुनाव का तीन आदिवासी सीटों पर कितना होगा असर
- भाजपा राष्ट्रीय मुद्दे, भ्रष्टाचार और मोदी के चेहरे को कर रही है फोकस, मगर राहुल ने झारखंड के मसले पर तीर निशाने पर चलाया
Kaushal Anand
Ranchi : लोकसभा चुनाव 2024 के आगाज के बाद राहुल गांधी पहली बार झारखंड पहुंचे. देश में चौथा एवं झारखंड के प्रथम फेज में होने वाले चुनाव, खासकर तीन आदिवासी सीटों पर राहुल ने फोकस किया. प्रथम चरण के तहत झारखंड में चार सीट सिंहभूम, खूंटी, लोहरदगा एवं पलामू में 13 मई को वोट डाल जाएंगे. जिसमें तीन सीट सिंहभूम, खूंटी और लोहरदगा आदिवासी आरक्षित सीट है. पहली बार ऐसा देखा गया है कि कोई राष्ट्रीय नेता किसी राज्य में जाकर उस राज्य की नब्ज पकड़कर अपना भाषण दिया हो. चाहे चाईबासा हो या गुमला दोनों ही जगह उन्होंने अपना भाषण का फोकस आदिवासी एवं लोकल इश्यू पर रखा. सरना धर्म कोड से लेकर जल, जंगल, जमीन और हेमंत सोरेन के जेल जाने का इश्यू जोरदार ढंग से उठाया, जमकर सुर्खियां भी बटोरी, तालियां भी बजी. एक तरह से देखा जाए तो राहुल ने झारखंड के लोकल इश्यू पर मास्टर स्ट्रोक खेला है. अब इसका असर 13 मई को होने वाले चार लोकसभा खासकर तीन आदिवासी सीट पर कितना असरदार होगा. यह तो 4 जून को ही पता चल पाएगा.
अपने भाषण से भाजपा को ढ़केला बैकफुट पर, पलटवार करना हो रहा है मुश्किल
राहुल गांधी ने झारखंड के लोकल इश्यू को उठाकर एक तरह से झारखंड के प्रथम चरण में होने वाले चुनाव में भाजपा को बैकफुट पर धकेल दिया है. भाजपा जहां अपने प्रचार का फोकस, हेमंत सरकार के भ्रष्टाचार एवं मोदी के चेहरो को रखा है, वहीं राहुल गांधी ने लोकल इश्यू उठाकर और उसपर अहम वादे करके भाजपा को परेशानी में डाल दिया है. स्थिति यह है कि अभी तक किसी भी बड़े झारखंड के भाजपा नेताओं की कोई बड़ी प्रतिक्रिया नहीं आयी है. इससे समझा जा सकता है कि लोकल इश्यू पर भाजपा को न उगलते बन रहा न निगलते.
पीएम मोदी एवं भाजपा नेता इन मुद्दे को उठाने में हैं व्यस्त
- भाजपा पूर्व सीएम हेमंत सोरेन पर हमले को फोकस में रखा है
- वर्तमान चंपाई सोरेन सरकार पर भी हमला कर रही है.
- आदिवासी को राष्ट्रपति बनाना और भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर जनजातीय गौरव दिवस आयोजित करने को लेकर ही उलझी है.
- मोदी के काम और उनके चेहरों पर अधिक भरोसा कर रही है, मोदी के नाम और चेहरे का इस्तेमाल अधिक किया जा रहा है.
- भाजपा झारखंड के महत्वपूर्ण मुद्दे सरना धर्म कोड, खतियान आधारित स्थानीय नीति, ओबीसी आरक्षण से अपने आप को दूर रख रही है.
राहुल गांधी ने इन मुद्दों को उठाया और वादा भी कर डाला
- झारखंड के ज्वलंत मुद्दा सरना धर्म कोड को राहुल ने न केवल उठाया, बल्कि यह भी कह दिया कि इंडिया की सरकार बनने के बाद सरना धर्म कोड देगी.
- झारखंड के ज्वलंत मुद्दा जल, जंगल और जमीन पर आदिवासियों का मालिकाना हक के मुद्दे को राहुल गांधी ने प्रमुखता से उठाया. राहुल ने यहां तक कह दिया कि इंडिया गठबंधन की सरकार आदिवासियों को जल, जंगल और जमीन पर मालिकाना हक देगी.
- भाजपा द्वारा आदिवासियों को वनवासी कहने के मुद्दे को राहुल ने प्रमुखता से उठाया.
- पूर्व सीएम हेमंंत सोरेन को जेल में डालने को मुद्दे को प्रमुखता से उठाया साथ ही उनके जल्द रिहा होने का भरोसा दिया.
- आसा एवं आंगनबाड़ी सेविका-सहायिकाओं का मानदेय दोगुना करने का वादा.
- देश के हर गरीब परिवार की महिला को सालाना उसके अकाउंट में एक लाख रुपये देने का वादा.
- मनरेगा के तहत मजदूरी बढ़ाकर 400 रुपये करने का वादा.
- संविधान बदलकर उसके तहत मिलने वाले आरक्षण एवं अन्य सुविधा को खत्म करने की भाजपा की साजिश को प्रमुखता से उठाया.
- एक साथ आदिवासी, दलित, ओबीसी, अल्पसंख्यक, किसान, युवाओं, महिलाओं को कई योजनाओं से साधने का प्रयास का वादा.
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