Ranchi : झारखंड में एसटी सूची में शामिल किये जाने की मांग को लेकर कुड़मी समाज के रेल टेका, डहर छेका आंदोलन ने एक बार फिर ज़ोर पकड़ लिया है. आंदोलन के समर्थन में आज शनिवार को पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं आजसू पार्टी के प्रमुख सुदेश महतो शुक्रवार को मुरी पहुंचे और आंदोलनकारियों से मुलाकात की.
उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि आजसू पार्टी हमेशा से कुड़मी समाज के साथ खड़ी रही है और अब समय आ गया है कि राज्य और केंद्र सरकार इस पर त्वरित निर्णय लें.
सुदेश महतो ने कहा कि कुड़मी समुदाय ने अपने अधिकारों की लड़ाई पिछले 90 वर्षों से लड़ी है. 1931 में एसटी सूची से बाहर किये जाने के बाद से यह समाज लगातार अपने हक के लिए संघर्षरत है. अब इस धैर्य की परीक्षा और नहीं ली जानी चाहिए.
सुदेश महतो ने स्पष्ट किया कि कुड़मी समाज की अनुसूचित जनजाति (एसटी) में पुनः शामिल किए जाने और कुड़मालि भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में स्थान दिलाने की मांग पूरी तरह तथ्यात्मक और ऐतिहासिक रूप से उचित है. उन्होंने कहा कि रेल टेका, डहर छेका आंदोलन ने कुड़मी समाज की एकजुटता और शक्ति को स्पष्ट कर दिया है.
झामुमो सरकार पर निशाना
सुदेश महतो ने झारखंड की सत्तारूढ़ झामुमो सरकार पर भी गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन और वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पहले कुड़मी समाज की मांगों को स्वीकार किया था और हस्ताक्षर भी किए थे लेकिन अब वे अपने वादों से मुकर रहे हैं.
उन्होंने चेतावनी भरे स्वर में कहा, यह सिर्फ एक आंदोलन नहीं बल्कि ऐतिहासिक न्याय की मांग है. जैसे भारत को आज़ादी एक दिन में नहीं मिली वैसे ही यह समाज भी अब जागरूक हो चुका है. सरकार को अब टालमटोल नहीं ठोस निर्णय लेने होंगे.
आजसू प्रमुख ने बताया कि पार्टी ने इस मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर 16 संगठनों के साथ मिलकर भारत सरकार के सामने प्रस्तुत किया है और एक औपचारिक प्रस्ताव भी सौंपा है. उन्होंने यह भी दोहराया कि यदि सरकार ने जल्द कोई फैसला नहीं लिया तो आंदोलन और तेज किया जायेगा.
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