- किराए से नहीं घटाया खाना और चादर-कंबल के पैसे
- राजधानी एक्सप्रेस में कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं
- राजधानी एक्सप्रेस में हर सीट पर जा रहे यात्री
कोरोना पूर्व और अभी का किराया समान
थर्ड श्रेणी सेकेंड श्रेणी फर्स्ट श्रेणी बेस फेयर 1,639 2,355 4,036 आरक्षण शुल्क 50 50 60 सुपरफास्ट चार्ज 45 45 75 जीएसटी 87 123 209 कुल किराया 1,875 2,575 4,380गाइडलाइन का पालन नहीं फिर भी यात्रियों को नसीहत
रेलवे जिस कोरोना के भय से यात्रियों का खाना बंद कर दिया है. उसी रेलवे ने सफर के दौरान कोरोना संक्रमण के गाइडलाइन को दरकिनार कर दिया है. गाड़ियों के अंदर सामाजिक दूरी पहले ही टूट चुकी है. प्रत्येक सीट पर यात्रियों को बिठाया जा रहा है. अलबत्ता रेलवे घर से रेलवे स्टेशन आने तक अपने-अपने यात्रियों को कोराना के गाइडलाइन का पालन करने का नसीहत देना नहीं भूलती.विवश यात्रियों ने रेलवे को कोसा
रेलवे में सेवा की भावना समाप्त हो गयी है. अब वह पैसे कमा रही है. कोरोना का वह खुद पालन नहीं कर रहीं. ट्रेन के अंदर सामाजिक दूरी खत्म हो चुकी है. जयंतो सरकार, यात्री, दिल्ली अब समय बदल गया है. वह यात्रियों को ठग रही है. रेलवे निजीकरण की ओर बढ़ रही है. कोरोना के समय काल को उसने निजी व्यवसायियों की तरह से भुनाया है. एसएस नारायण, यात्री, दिल्ली एक तो टिकट में से खाने का पैसा नहीं घटाया. ई-कैटरिंग के जरिए स-शुल्क खाना दे रही है. उपर से स्टेशन में ही चादर-कंबल और तकिए के पूरे पैसे ले रही है. राजेन्द्र यादव, यात्री टिकट मैने खुद ही बुक कराया है. ऑनलाइन बुकिंग के दौरान जो भी पैसा मांगा गया उसे भुगतान कर दिया. बालूमाथ से आया हूं. राजधानी एक्सप्रेस से दिल्ली जा रहा हूं. अरविंद भगत, बालूमाथ

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