- पति-पत्नी पानी के तेज बहाव में बहे
- घर में पानी घुसने से हजारों मुर्गियों की मौत
Chatra : झारखंड में बीते कुछ दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है. चतरा जिले में बारिश ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है. शुक्रवार को हुई मूसलाधार बारिश के चलते जिले के कई इलाके जलमग्न हो गए हैं.
हर तरफ सिर्फ पानी ही पानी नजर आ रहा है. स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने अपने जीवन में इतनी भीषण बारिश पहले कभी नहीं देखी.
पत्थलगड़ा में सबसे ज्यादा तबाही
बारिश से सबसे ज्यादा नुकसान पत्थलगड़ा प्रखंड में हुआ है, जहां कई गांव पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं. सैकड़ों घरों और खेतों में पानी भर जाने से बाढ़ जैसी स्थिति बन गई.
बारिश के कारण सैकड़ों कच्चे मकान ढह गए. साथ ही दुकानों और गोदामों में भी पानी भर गया. जिससे लाखों की संपत्ति नष्ट हो गई. वहीं खेतों में पानी भर जाने से सैकड़ों एकड़ में लगी फसलें भी नष्ट हो गई हैं.
छह प्रखंडों में जनजीवन ठप
बारिश का असर पत्थलगड़ा के अलावा सदर, इटखोरी, कान्हाचट्टी, गिद्धौर और सिमरिया प्रखंडों में सबसे अधिक देखने को मिल रहा है. गिद्धौर में पानी के तेज बहाव में पति-पत्नी के बह जाने की दुखद घटना ने लोगों को झकझोर कर रख दिया है. प्रशासन द्वारा राहत व बचाव का कार्य किया जा रहा है.
गांवों का संपर्क कटा, पुल-सड़कें डूबीं
लगातार हो रही बारिश के कारण बकुलिया नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. सिमरिया और आसपास के सात गांवों का संपर्क भी मुख्यालय से पूरी तरह टूट गया है. कई सड़कों और पुलों पर 3 से 4 फीट तक पानी बह रहा है, जिससे यातायात ठप हो गया है.
स्कूल बंद, बाजारों में सन्नाटा
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पत्थलगड़ा सहित आसपास के क्षेत्रों में सरकारी और निजी स्कूलों को बंद कर दिया गया है. बाजारों में पानी भर जाने से कारोबार भी पूरी तरह प्रभावित हुआ है.
किसानों को भारी नुकसान
बारिश के कारण किसानों को भारी नुकसान हुआ है. लगभग 1,000 एकड़ में लगाई गई धान, मक्का, टमाटर, मिर्च और धनिया की फसलें पूरी तरह नष्ट हो गई हैं. मवेशियों की मौत की खबरें भी आ रही है. पत्थलगड़ा की एक महिला किसान के मुर्गी फार्म में पानी घुसने से करीब 5,000 मुर्गियों की मौत हो गई है.
लोगों में डर और दहशत का माहौल
स्थानीय बुजुर्गों का कहना है कि उन्होंने अपने जीवन में ऐसी विनाशकारी बारिश पहले कभी नहीं देखी. जिले में डर और बेबसी का माहौल है. प्रशासन हालात पर लगातार नजर बनाए हुए है, लेकिन लोगों को राहत मिलने में अभी समय लग सकता है.
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