Ranchi : झारखंड जनजातीय सलाहकार परिषद (TAC) के सदस्यों के मनोनयन में अब राजभवन की भूमिका नहीं होगी. शुक्रवार को सरकार ने टीएसी (ट्राइबल एडवाइजरी काउंसिल) को लेकर एक नयी नियमावली की अधिसूचना जारी की है. इसमें सदस्यों के मनोनयन का अधिकार राज्यपाल से लेकर मुख्यमंत्री में निहित कर दिया गया है. गौरतलब है कि मुख्यमंत्री इस परिषद के पदेन अधयक्ष होते हैं. पहले इन सदस्यों के मनोनयन की अनुशंसा के लिए सरकार की तरफ से राज्यपाल को नाम भेजे जाते थे. सरकार गठन के बाद हेमंत सरकार ने टीएसी के सदस्यों के मनोयन के लिए दो बार नाम राजभवन भेजे थे, लेकिन वहां से इन्हें वापस कर दिया गया था. इसे देखते हुए सरकार ने नयी नियमावली जारी कर राजभवन की भूमिका ही समाप्त कर दी.
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जानें क्या है नया नियम
- एक चेयरमैन, एक डिप्टी चेयरमैन के अलावा 18 सदस्य काउंसिल के सदस्य होंगे.
- मुख्यमंत्री परिषद के पदेन चेयरमैन और सदस्य होंगे. जनजातीय कल्याण विभाग के मंत्री परिषद के डिप्टी चेयरमैन होंगे. सीएम की गैरहाजिरी में परिषद की बैठकों की अध्यक्षता डिप्टी चेयरमैन करेंगे.
- 18 सदस्यों में 15 सदस्य अनुसूचित जनजाति से आने वाले ऐसे विधायक होंगे, जिन्हें मुख्यमंत्री चुनेंगे. इनकी सदस्यता विधानसभा की सदस्यता तक कायम रहेगी.
- परिषद के बाकी बचे तीन सदस्य ऐसे होंगे जिन्हें जनजातीय मामलों में रुचि, विशेष ज्ञान और अनुसूचित जानजाति कल्याण के क्षेत्र का तजुर्बा हो. मुख्यमंत्री की सहमति के बाद ही ऐसे तीन सदस्य परिषद का हिस्सा हो सकते हैं. इनका कार्यकाल मुख्यमंत्री की सहमति से ही बढाया जा सकता है.
- परिषद का कार्यकाल पांच साल का होगा.
- अनुसूचित जाति, जनजाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के प्रधान या सचिव अथवा कोई अन्य व्यक्ति जिसे सरकार की तरफ चुना जाएगा परिषद के सचिव होंगे.
- परिषद का सचिवालय डॉ. राम दयाल मुंडा जनजाति शोध संस्थान, मोरहाबादी में होगा. इसके सुगम एवं प्रभावी संचालन के लिए संयुक्त सचिव अथवा समकक्ष स्तर के एक अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी.
- झारखंड राज्य में अनुसूचित जनजातियों के कल्याण एवं विकास हेतु राज्यपाल इस परिषद की सलाह ले सकेंगे.
- परिषद के सदस्यों को सरकार की तरफ से उनके कार्यों के एवज में किसी प्रकार का भुगतान नहीं किया जाएगा.
- एक साल में परिषद की कम से कम दो सामान्य बैठकें होंगी. हर बैठक की सूचना दस दिनों पहले सदस्यों को देनी होगी.
- बैठक का कोरम पूरा करने के लिए अध्यक्ष सहित कम से कम सात सदस्यों की उपस्थिति अनिवार्य है.
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