Rajasthan : राजस्थान की सात विधानसभा सीटों पर 13 नवंबर को उपचुनाव था. वोटिंग के दौरान समरावता मतदान केंद्र में देवली उनियारा सीट से कांग्रेस के बागी और निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ने एसडीएम को थप्पड़ मार दिया था. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल रहा है. वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा को गिरफ्तार कर लिया है. ऐसे में यह मामला और गरमा गया है. नरेश मीणा के गिरफ्तारी के विरोध में उनके समर्थक सड़क पर उतर आये हैं. समर्थकों ने समरावता गांव के बाहर स्टेट हाईवे पर आग लगा दी और सड़क जाम कर दी है. सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने समर्थकों को तितर-बितर कर आग बुझाया और अवरुद्ध की गयी सड़क को खाली कराया. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, टोंक बृजेंद्र सिंह भाटी ने कहा कि जाम खुलवा दिया है, स्थिति कंट्रोल में है.
#WATCH टोंक, राजस्थान: नरेश मीणा के गिरफ्तारी के विरोध में उनके समर्थकों ने समरावता गांव के बाहर स्टेट हाईवे पर आग लगाई। pic.twitter.com/20BC8CdsPx
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 14, 2024
#WATCH टोंक, राजस्थान: नरेश मीणा के गिरफ्तारी के विरोध में उनके समर्थकों द्वारा समरावता गांव के बाहर स्टेट हाईवे पर आग लगाने के बाद पुलिस मौके पर समर्थकों को तितर-बितर करने पहुंची। https://t.co/UYNjtUwXZK pic.twitter.com/Lk4Vc2M9Os
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एसडीएम को थप्पड़ लोकतंत्र को कमजोर करने की कोशिश : राजेंद्र राठौड़
भाजपा के दिग्गज नेता राजेंद्र राठौड़ ने एसडीएम को थप्पड़ मारना लोकतंत्र को कमजोर करने की कोशिश करना बताया. राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि चुनाव कराने वाले पदाधिकारी पर अगर किसी प्रकार का ऐतराज भी है तो कानून ने इसका प्रावधान कर रखा है, सीधा हिंसा पर उतर आना यह अच्छी परंपरा नहीं है. अगर उनको कोई परेशानी थी, तो चुनाव आयोग से इसकी शिकायत करनी चाहिए थी. लेकिन एक रिटर्निंग ऑफिसर पर हमला मुझे याद है, राजस्थान में इससे पहले कभी नहीं हुआ. यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है और आगे ऐसी घटना नहीं होनी चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि इस मामले में संयम से काम लेना चाहिए था, जनता के बीच में जो जन प्रतिनिधि की बात करते हैं, उसकी मर्यादाएं भी हैं. अनुशासन और व्यवहार को लांघना कतई उचित नहीं है.
राजेंद्र राठौड़ ने बिना दुर्भावना के पूरे मामले की जांच करने की मांग की
राजस्थान विधानसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष रहे राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि राजस्थान की विधानसभा में एक दर्जन से ज्यादा लोग होंगे, पर अगर कोई ऐसा सोचे कि रॉबिन हुड बनकर जनता का रुख अपनी तरफ मोड़ लेगा, तो ऐसी संभावना नहीं है. एक बार क्षणिक उत्तेजना में आकर कुछ लोगों को अपने साथ शामिल किया जा सकता है, लेकिन अंत में इसका नुकसान ही नुकसान है. जिस राजनीतिक दल का प्रतिनिधित्व करते हैं, उसका भी नुकसान है और खुद के समर्थकों का भी नुकसान है. ये बात मैं कहीं से भी उचित नहीं मानता, जो कुछ भी हुआ, वो नहीं करना चाहिए था और उनको संयम बरतना चाहिए था. भाजपा नेता ने आगे कहा कि आजकल डिजिटल इंडिया का जमाना है. सारी चीजें कैमरे में कैद होती है. ऐसे में यह घटना भी कैमरे में कैद है और बिना दुर्भावना के पूरी जांच होनी चाहिए.