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राजभर UCC के समर्थन में, मायावती ने कहा, हम यूसीसी के खिलाफ नहीं, मगर भाजपा इस पर राजनीति कर रही है...

Lucknow : बसपा प्रमुख मायावती UCC को लेकर अहम बयान दिया है. मायावती ने आज रविवार को कहा कि उनकी पार्टी समान नागरिक संहिता के विरोध में नहीं है. कहा कि इससे देश कमजोर नहीं बल्कि मजबूत ही होगा. साथ ही कहा कि मगर संविधान इसे थोपने का समर्थन नहीं करता. इस क्रम में मायावती ने भाजपा को सलाह दी कि यूसीसी से जुड़े सभी आयामों पर उसे विचार करना चाहिए.              ">https://lagatar.in/category/desh-videsh/">

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यूसीसी लागू करने के भाजपा मॉडल से हमारी असहमति

बसपा यूसीसी लागू करने के खिलाफ नहीं है, लेकिन यूसीसी लागू करने के भाजपा मॉडल से हमारी असहमति है. आरोप लगाया कि भाजपा UCC के माध्यम से संकीर्ण मानसिकता की राजनीति करने की कोशिश में है. मायावती ने साफ किया कि अगर भाजपा अपने तुच्छ राजनीतिक एजेंडे से ऊपर उठकर समान नागरिक संहिता को लाती है तो हम इसका समर्थन करेंगे, नहीं को इसका विरोध करेंगे. कहा कि सरकार यूसीसी को चर्चा का विषय बनाकर ध्यान भटकाने की राजनीति कर रही है.

यूसीसी का उल्लेख पहले से ही संविधान में है

मायावती ने याद दिलाया कि यूसीसी का उल्लेख पहले से ही संविधान में है. साथ ही कहा कि बड़ी आबादी वाले भारत देश में हिंदू, मुस्लिम, सिख ईसाई, पारसी, बौद्ध अलग-अलग धर्मों को मानने वाले लोग निवास करते हैं. इनके अपने खान-पान, रहन-सहन और जीवनशैली के तौर-तरीके और रस्म-रिवाज हैं. इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है.

देश कमजोर नहीं , बल्कि मजबूत ही होगा

मायावती ने कहा कि ये सोचने वाली बात है कि अगर हर धर्म के मानने वालों पर एक समान कानून लागू होता है तो इससे देश कमजोर नहीं बल्कि मजबूत ही होगा. लोगों में आपसी सद्भाव भी पैदा होगा. यह बात भी किसी हद तक सही है. इसे ही ध्यान में रखते हुए ही भारतीय संविधान की धारा 14 में यूसीसी होने का जिक्र किया गया है. आज रविवार को ही सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर का बयान सामने आया. उन्होंने यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) का समर्थन करते हुए कहा कि देशभर के सभी नागरिकों के लिए एक कानून होना चाहिए और जो कुछ भी देश हित में होगा हम उसका समर्थन करेंगे. कहा कि यदि गोवा में यूसीसी लागू है तो अन्य राज्यों में यह लागू न क्यों हीं हो सकता?

देश में समान नागरिक संहिता होनी चाहिए 

यूसीसी पर सबसे पहले आम आदमी पार्टी ने अपना समर्थन दिया था. इंडिया टुडे से बातचीत के क्रम में संगठन महासचिव और राज्यसभा सांसद संदीप पाठक ने कहा कि पार्टी यूसीसी का सैद्धांति` रूप से समर्थन करती है. संविधान के अनुच्छेद 44 में कहा गया है कि देश में समान नागरिक संहिता होनी चाहिए. लेकिन पार्टी का मानना है कि इसे लागू करने से पहले सभी धर्मों और राजनीतिक दलों के साथ चर्चा के बाद आम सहमति बनाई जानी चाहिए. [wpse_comments_template]

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