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डेढ़ साल से मोबाइल मोहल्ला क्लास के माध्यम से ग्रामीण बच्चों में शिक्षा का अलख जगा रहे राजेश

Virendra rawat Ranchi : वर्तमान परिवेश में शिक्षा और स्वास्थ्य सबसे महंगी हो चुकी है. गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पाना हर किसी के बस में अब नहीं रहा है. झारखंड में भी शिक्षा का हाल काफी खस्ता है. सरकारी स्कूलों में जहां जर्जर भवन में बच्चे पढ़ाई करने को मजबूर हैं. वहीं बिना शिक्षक के कई स्कूल राज्य भर में संचालित हो रहे हैं. सबसे अधिक परेशानी कोरोना महामारी के बीच विद्यार्थियों को झेलनी पड़ी है. राज्य भर में पिछले 23 माह से सरकारी और प्राइवेट स्कूल बंद है. ऐसे में विद्यार्थी शिक्षा से काफी दूर चले गए हैं. प्राइवेट स्कूल में स्कूल प्रशासन की गंभीरता के कारण बच्चों को ऑनलाइन कक्षा के माध्यम से जोड़ने का प्रयास किया गया है. इसे भी पढ़ें - वापसी">https://lagatar.in/sukhdev-pradeep-became-members-coordination-committee-as-soon-as-they-returned/">वापसी

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रांची में कक्षा 1 से लेकर आठवीं तक की स्कूल बंद है

हालांकि ऑनलाइन कक्षा से विद्यार्थियों को उतना फायदा नहीं मिल पा रहा है, जितना ऑफलाइन कक्षाओं से मिलता था. वहीं दूसरी ओर सरकारी स्कूल की स्थिति काफी दयनीय है. सरकारी स्कूलों को भी ऑनलाइन कक्षा से जोड़ने का प्रयास राज्य सरकार ने किया था. लेकिन संसाधन की कमी और दृढ़ इच्छाशक्ति की कमी के कारण सभी विद्यार्थियों को ऑनलाइन कक्षा से नहीं जोड़ा जा सका है. अब भी रांची में कक्षा 1 से लेकर आठवीं तक की स्कूल बंद है. इस बीच रांची के नामकुम तेतरी बस्ती में ग्रामीण बच्चों के बीच राजेश कुमार शिक्षा का अलख जगा रहे हैं. नामकुम के तेतरी बस्ती में कटहल के पेड़ के नीचे चबूतरे में रोजाना 100 से अधिक विद्यार्थियों को राजेश कुमार शिक्षा दे रहे हैं. इसमें कक्षा 6 से लेकर आठवीं तक के विद्यार्थी शामिल हैं. यह शिक्षा का कार्य पिछले डेढ़ साल से चल रहा है. राजेश बताते हैं कि कोरोना महामारी के बीच सभी को शिक्षा से दूर कर दिया गया. शिक्षा कोरोना महामारी के बीच सबसे अधिक प्रभावित हुई और इस बीच उन्हें यह आइडिया आया कि ग्रामीण बच्चे सबसे अधिक शिक्षा से दूर जा रहे हैं. उन्हें शिक्षा से कैसे जोड़कर रखा जाएं और इसके बाद तेतरी बस्ती के चबूतरे पर मोबाइल मोहल्ला क्लास शुरुआत हुई. यह चलता-फिरता स्कूल फिलहाल राज्य भर में चर्चा का विषय बना हुआ है. इसे भी पढ़ें - अखिलेश">https://lagatar.in/samajwadi-party-goes-to-election-commissions-door-yogi-adityanath-called-red-cap-is-goonda-mawali-mafia-stop-them/">अखिलेश

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बाल विवाह,  बाल मजदूरी और मानव तस्करी को रोकना मुख्य उद्देश्य

शिक्षक राजेश बताते हैं कि नामकुम में बाल विवाह, बाल मजदूरी और मानव तस्करी के कार्य तेजी से अपने पैर फैला रहे हैं. मानव तस्कर के दलाल नामकुम में सक्रिय हैं, इन्हें रोक पाना सिर्फ शिक्षा से ही संभव है. कक्षा आठवीं में पढ़ने वाली बच्चियां लगभग 16 साल की हो जाती हैं और ग्रामीण क्षेत्रों में घरवाले लड़कियों का विवाह कम उम्र में ही कर देते हैं. शिक्षा होने से बच्चियां अपने हक अधिकार के लिए आवाज उठाती हैं और वह शिक्षा से जुड़ कर अपने सपने पूरा कर पाती हैं. इसे भी पढ़ें - पलामू">https://lagatar.in/palamu-dc-shashi-ranjan-appealed-to-the-people-follow-the-corona-guidelines/">पलामू

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नामकुम के 10 से अधिक गांव के बच्चे हो रहे हैं शिक्षित

नामकुम के तेतरी बस्ती में मोबाइल मोहल्ला क्लास में नामकुम के 10 से अधिक गांव के बच्चे शिक्षित हो रहे हैं. जिसमें राजकीयकृत मध्य विद्यालय के पोषक क्षेत्र के बच्चे शामिल है. जिसमें तेतरी, सेहरा, माल्टी, खरसीदाग, चुडू, लोधमा, देवगाई शामिल है.

10वीं और 12वीं के विद्यार्थियों को गणित और विज्ञान का देंगे ज्ञान

राजेश कुमार और सुरेंद्र महतो मोबाइल कक्षा के माध्यम से अब नामकुम के तेतरी बस्ती में चबूतरे पर दसवीं और बारहवीं कक्षा के बच्चों को गणित और विज्ञान विषय की शिक्षा देंगे. राजेश बताते हैं कि सुरेंद्र महतो के साथ मिलकर दसवीं और बारहवीं की छात्रों को शिक्षित करने का बेड़ा उठा चुके हैं. इस बार मैट्रिक और इंटर की परीक्षा में इसका असर देखने को मिलेगा. उन्हें उम्मीद है कि नामकुम तेतरी बस्ती के आसपास के दसवीं और बारहवीं कक्षा के विद्यार्थी बेहतर करेंगे. इसे भी पढ़ें - यूपी">https://lagatar.in/up-elections-attempted-murderous-attack-on-minister-siddharth-nath-singh-who-was-going-to-file-nomination-the-accused-was-caught/">यूपी

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क्या कहते हैं विद्यार्थी

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alt="" width="600" height="400" /> छठी कक्षा में पढ़ने वाली आरती उरांव ने बताया कि मोबाइल क्लास शुरू होने से काफी लाभ हमें मिल रहा है हम शिक्षा से लगातार जुड़े हुए हैं. हमें स्कूल में पढ़ाई जाने वाली सिलेबस के अलावा भी कई अन्य प्रकार की जानकारियां मोबाइल क्लास के माध्यम से मिल रही हैं. https://lagatar.in/wp-content/uploads/2022/02/ladki-2.jpg"

alt="" width="600" height="400" />   आठवीं कक्षा में पढ़ने वाली दीपाली लकड़ा ने बताया कि मैं बड़ी होकर पत्रकार बनना चाहती हूं. और शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर रिपोर्टिंग करना चाहती हूं. वह बताती है कि मोबाइल क्लास होने से जो बच्चे शिक्षा से जुड़ना चाहते हैं, शिक्षा के प्रति जिनकी रुचि हैं वह यह मोबाइल कक्षा के माध्यम से लाभान्वित हो रहे हैं. ऑनलाइन कक्षा के माध्यम से हमें लाभ नहीं मिल पा रहा था. इसे भी पढ़ें - अडानी">https://lagatar.in/adani-wilmars-ipo-will-be-allotted-today-check-whether-you-get-shares-or-not/">अडानी

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