LagatarDesk : रक्षाबंधन हर साल श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाया जाता है. इस बार पूर्णिमा 19 अगस्त को है, इसलिए इसी दिन रक्षाबंधन मनाया जायेगा. इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर रक्षासूत्र बांधेंगी और उनकी लंबी उम्र की कामना करेंगी. वहीं भाई भी अपनी बहनों को रक्षा करने वचन देंगे. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पूर्णिमा तिथि सुबह 3 बजकर 04 मिनट पर शुरू होगी और रात 11 बजकर 55 मिनट पर समाप्त होगी. लेकिन हर बार भी तरह इस पर भी रक्षाबंधन भद्रा का साया रहेगा. भद्रा सुबह 05 बजकर 52 मिनट से शुरू होगा, जो दोपहर 01 बजकर 32 मिनट पर समाप्त होगा. भद्रा पूंछ सुबह 09:51 से सुबह 10:53 मिनट यानी एक घंटे तक रहेगा. वहीं भद्रा मुख सुबह 10:53 से दोपहर 12:37 तक रहेगा. शास्त्रों की मानें तो भद्रा पूंछ और भद्रा मुख में भाई को राखी बांधना वर्जित है.
2 घंटे 37 मिनट का समय राखी बांधने के लिए सबसे शुभ
भद्रा का साया खत्म होने के बाद ही बहनें अपने भाइयों को राखी बांध सकेंगी. ज्योतिष शास्त्रों की मानें तो दोपहर 01 बजकर 30 मिनट से रात 09 बजकर 07 मिनट पर आप राखी बांध सकते हैं. लेकिन राखी बांधने का सबसे खास मुहूर्त दोपहर 1 बजकर 43 मिनट से लेकर शाम 4 बजकर 20 मिनट तक है. यानी इन 2 घंटे 37 मिनट तक राखी बांधना सबसे शुभ है. वहीं प्रदोष काल में भी भाई की कलाई पर राखी बांधी जा सकती है. प्रदोष काल शाम 06 बजकर 55 मिनट से शुरू होगा और रात 09 बजकर 07 मिनट तक रहेगा. इस साल रक्षाबंधन का पर्व चार शुभ योग भी बन रहे हैं. पहला विजय मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 35 मिनट से लेकर 3 बजकर 27 मिनट तक रहेगा. इसके बाद गोधूली मुहूर्त शाम 6 बजकर 56 मिनट से लेकर 7 बजकर 18 मिनट तक रहेगा. सायाह्न संध्या मुहूर्त शाम 6 बजकर 56 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 02 मिनट तक रहेगा. वहीं अमृत काल रात 8 बजकर 24 मिनट से लेकर रात 9 बजकर 50 मिनट तक रहेगा.
रक्षाबंधन पर बन रहे चार शुभ संयोग
इस बार रक्षाबंधन पर एक नहीं, बल्कि चार शुभ संयोग एक साथ बन रहे हैं. इनमें सर्वार्थ सिद्धि योग, शोभन योग, रवि योग और श्रवण नक्षत्र योग शामिल है. रक्षाबंधन पर करीब 90 साल बाद चार शुभ संयोग बन रहे हैं. 19 अगस्त की सुबह 8.50 बजे तक श्रवण नक्षत्र है. सर्वार्थ सिद्धि और रवि योग सुबह 5 बजकर 53 मिनट से लेकर 8 बजकर 10 मिनट तक रहेगा. वहीं शोभन योग 19 अगस्त की सुबह 04 बजकर 28 मिनट से शुरू होगा और समापन 20 अगस्त की रात 12 बजकर 47 मिनट पर होगा. हालांकि भद्रा के कारण इन शुभ योगों में राखी नहीं बांधी जा सकती है.
राखी बांधने की सही विधि
धार्मिक मान्यता है कि राखी बांधते वक्त भाई का मुंह पूरब दिशा की ओर होना चाहिए. बहन का मुख पश्चिम दिशा में होना चाहिए. राखी बांधने के लिए सबसे पहले अपने भाई के माथे पर रोली-चंदन और अक्षत का टीका लगाएं. इसके बाद भाई को घी के दीपक से आरती करें. उसके बाद दाहिने हाथ में राखी बांधे और भाई का मुंह मीठा कराएं.
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