alt="" width="225" height="300" /> न्याय की गुहार लेकर डीसी के पास पहुंचे रामेश्वर प्रसाद गुप्ता.[/caption] Jamshedpur : परसुडीह थाना अंतर्गत बारीगोड़ा के रहने वाले 77 वर्षीय रामेश्वर प्रसाद गुप्ता अपने ही पुत्र की प्रताड़ना के शिकार हैं. संपत्ति के लालच में बेटे ने उन्हें घर से निकाल दिया है. जिसके कारण रामेश्वर प्रसाद गुप्ता इस बुढ़ापे में दर-दर की ठोकर खाने को विवश हैं. रामेश्वर प्रसाद गुप्ता ने बताया कि उनके दो बेटे हैं. बड़ा बेटा आनंद गुप्ता तथा छोटा बेटा सुशांत गुप्ता है. बड़ा बेटा शुरू से ही अलग रहता है. उन्होंने बताया कि टाटा मोटर्स से रिटायर होने के बाद वे छोटे बेटे के साथ रहते थे. लेकिन पत्नी के देहांत के बाद छोटा बेटा का व्यवहार बदल गया तथा प्रताड़ित करने लगा. उसने खाना-पीना बंद कर दिया.
टाटा मोटर्स से रिटायर रामेश्वर गुप्ता अपने बेटों से ही हैं प्रताड़ित, न्याय के लिए छह साल से लगा रहे डीसी-एसएसपी ऑफिस के चक्कर

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alt="" width="225" height="300" /> न्याय की गुहार लेकर डीसी के पास पहुंचे रामेश्वर प्रसाद गुप्ता.[/caption] Jamshedpur : परसुडीह थाना अंतर्गत बारीगोड़ा के रहने वाले 77 वर्षीय रामेश्वर प्रसाद गुप्ता अपने ही पुत्र की प्रताड़ना के शिकार हैं. संपत्ति के लालच में बेटे ने उन्हें घर से निकाल दिया है. जिसके कारण रामेश्वर प्रसाद गुप्ता इस बुढ़ापे में दर-दर की ठोकर खाने को विवश हैं. रामेश्वर प्रसाद गुप्ता ने बताया कि उनके दो बेटे हैं. बड़ा बेटा आनंद गुप्ता तथा छोटा बेटा सुशांत गुप्ता है. बड़ा बेटा शुरू से ही अलग रहता है. उन्होंने बताया कि टाटा मोटर्स से रिटायर होने के बाद वे छोटे बेटे के साथ रहते थे. लेकिन पत्नी के देहांत के बाद छोटा बेटा का व्यवहार बदल गया तथा प्रताड़ित करने लगा. उसने खाना-पीना बंद कर दिया.
alt="" width="225" height="300" /> न्याय की गुहार लेकर डीसी के पास पहुंचे रामेश्वर प्रसाद गुप्ता.[/caption] Jamshedpur : परसुडीह थाना अंतर्गत बारीगोड़ा के रहने वाले 77 वर्षीय रामेश्वर प्रसाद गुप्ता अपने ही पुत्र की प्रताड़ना के शिकार हैं. संपत्ति के लालच में बेटे ने उन्हें घर से निकाल दिया है. जिसके कारण रामेश्वर प्रसाद गुप्ता इस बुढ़ापे में दर-दर की ठोकर खाने को विवश हैं. रामेश्वर प्रसाद गुप्ता ने बताया कि उनके दो बेटे हैं. बड़ा बेटा आनंद गुप्ता तथा छोटा बेटा सुशांत गुप्ता है. बड़ा बेटा शुरू से ही अलग रहता है. उन्होंने बताया कि टाटा मोटर्स से रिटायर होने के बाद वे छोटे बेटे के साथ रहते थे. लेकिन पत्नी के देहांत के बाद छोटा बेटा का व्यवहार बदल गया तथा प्रताड़ित करने लगा. उसने खाना-पीना बंद कर दिया.
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