Ramgarh : संगठित अपराध के खिलाफ रामगढ़ पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है. एसपी अजय कुमार को मिली गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस की टीम ने कार्रवाई करते हुए पांडेय गिरोह व अमन श्रीवास्तव गिरोह के 13 अपराधियों को गिरफ्तार किया है. यह जानकारी रामगढ़ एसपी ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी.गिरफ्तार अपराधियों में 11 पांडेय गिरोह के और दो अमन श्रीवास्तव गिरोह से जुड़े हैं. पांडेय गिरोह के जो अपराधी गिरफ्तार हुए हैं उनमें हजारीबाग जिले के बड़कागांव थाना क्षेत्र के नापोखुर्द गांव निवासी सुनील कुमार, सूरत कुमार दास, गिद्दी थाना क्षेत्र के पुराना बुध बाजार निवासी राजविंदर सिंह उर्फ आकाश उर्फ गोलू, राजवीर सिंह उर्फ कैप्टन, मोहित कुमार ठाकुर, रेलीगढ़ा निवासी ब्रजेश कुमार, भुरकुंडा थाना क्षेत्र के रिवर साइड निवासी वशिष्ठ कुमार उर्फ बिट्टू, कुजू ओपी ओपी क्षेत्र के आरा डूमरबेड़ा निवासी सरफराज अहमद, भुरकुंडा ओपी क्षेत्र के बजरंग चौक रिवर साइड निवासी राजवीर सिंह, प्रेम कुमार व हरपीत सिंह शामिल हैं. वहीं, अमन श्रीवास्तव गिरोह के गिरफ्तार अपराधियों में साहिल सिंह व राहुल शर्मा शामिल है. दोनों संगठनों के अपराधियों के पास से 1.41 लाख रुपए, एक पिस्टल, एक देसी कट्टा, 11 मोबाइल फोन, एक डायरी जिसमें विभिन्न कंपनी संचालकों का मोबाइल नंबर दर्ज है, बरामद किया गया.
गिरोह के सदस्यों को हर महीने मिलता था वेतन
एसपी अजय कुमार ने बताया कि हजारीबाग जिले के गिद्दी थाना क्षेत्र अंतर्गत पुराना बुध बाजार निवासी राजविंदर सिंह उर्फ आकाश उर्फ गोलू अपराधियों को हैंडल कर रहा था. उसे जेल में बंद पांडेय गिरोह के प्रकाश साहू और मुकेश साहू उर्फ पठान से निर्देश मिलता था. सीसीएल के बड़का सायल डी एरिया में रोड निर्माण कार्य में पांडे गिरोह के सदस्यों के जरिये हथियार का भय दिखाकर धमकी दी देकर रंगदारी मांगी गई थी. इस मामले में अपराधियों के खिलाफ कांड संख्या 294/ 2024 दर्ज किया गया था. इसी कांड के उद्भेदन के लिए पुलिस जब छापेमारी कर रही थी, तो राजविंदर सिंह उर्फ आकाश उर्फ गोलू पुलिस के हत्थे चढ़ गया. पांडे गिरोह में शामिल अपराधियों को हर महीने वेतन मिलता था. इसके अलावा धमकी देने वाले स्थान पर जाने के बाद 500 रुपए मिलते थे. इसके लिए बाकायदा अपराधियों की हाजिरी बनती थी. यह हाजिरी बनाने के लिए वे लोग अपनी तस्वीर भेजते थे. प्रकाश साहू और मुकेश साहू के जरिये गिरोह के लोगों को रंगदारी मांगने के लिए पहले फोन करने की बात कही जाती थी. अगर कंपनी संचालक उसके बाद भी नहीं डरे, तो उनके कार्य स्थल पर जाकर गिरोह के सदस्य हथियार का भय दिखाते थे.धमकी देने वाले स्थान पर अपनी फोटो खींचकर जेल में बंद प्रकाश साहू और मुकेश साहू को राजविंदर के माध्यम से भेजते थे. फोटो पहुंचते ही 500 रुपए मिल जाते थे. साथ ही गिरोह के लिए काम करने पर उन्हें 5000 रुपए प्रति महीना मिलता था.
श्रीवास्तव गिरोह के गिरफ्तार दोनों सदस्य रांची के
एसपी अजय कुमार ने बताया कि पतरातु रेलवे क्रॉसिंग पर रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण हो रहा है. इस कार्य में लगी एमजीसीपीएल कंपनी से श्रीवास्तव गैंग लगातार रंगदारी मांग रहा था. निर्माण स्थल पर मशीनों पर गोली भी चलाई गई थी. शनिवार को पुलिस को सूचना मिली कि पतरातू डैम के पास दो व्यक्ति पिस्तौल लेकर नीले रंग की पल्सर बाइक जेएच 01 बीएफ 3991 से किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की योजना बना रहे हैं. पुलिस ने जब छापेमारी की तो वहां रांची कोकर डेलाटोली निवासी साहिल सिंह व लालपुर थाना क्षेत्र के न्यू नगराटोली निवासी राहुल शर्मा को गिरफ्तार किया गया. उनके पास से 7.65 एमएम बोर की देसी पिस्तौल और तीन जिंदा गोली बरामद की गई. पूछताछ के दौरान पता चला कि वे लोग श्रीवास्तव गैंग के लिए काम करते हैं. रंगदारी मांगने के लिए गोली चलाते हैं. उन्हें जेल में बंद श्रीवास्तव गैंग के अमन श्रीवास्तव व शिव शर्मा से निर्देश मिलता था.
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