रोटरी रांची ने किन्नरों के साथ साझा किया मंच, उन्हें अधिकार के प्रति किया जागरूक
Ramgarh: समाज में किन्नरों को न तो मर्दों में गिना जाता है और न ही महिलाओं में. यह लैंगिक आधार पर विभाजन की पुरातन व्यवस्था का अंग है. भले ही किन्नरों ने लंबी कानूनी लड़ाई लड़कर अपने लिए कानूनी रूप से ट्रांसजेंडर का कॉलम दस्तावेजों में दर्ज करवा लिया हो, लेकिन समाज में सम्मान के अधिकार से वे अबतक वंचित हैं. किन्नर समाज के दर्द को समझने, उनकी समस्याओं को दूर करने और उन्हें प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से रोटरी रांची ने उनके साथ मंच साझा किया. किन्नर नरगिस ने कहा कि सामाजिक मान्यता है कि हमारी दुआएं जिसे लग जायें वह खूब फलता-फूलता है. दुआएं सभी को चाहिए, लेकिन फिर भी हमें दुत्कारा जाता है. हमारे साथ भेद किया जाता है किन्नर वर्ग सामाजिक बहिष्कार, बेरोजगारी, शिक्षा, चिकित्सा की समस्या से घिरा है.
इसे भी पढ़ें-राजस्थान : प्रियंका गांधी ने कहा, गरीबों से खींचना और बड़े उद्योगपतियों को सींचना… भाजपा की नीति
आज भी हमारा पेट नाच-गाना से ही चलता : किन्नर तमन्ना
किन्नर तमन्ना ने कहा कि आज की दुनिया आधुनिक हो गई है, लेकिन आज भी हमारा पेट नाच-गाना से ही चलता है. कानूनी तौर पर 2014 में मिली हमें ट्रांसजेंडर की संज्ञा हमारे संघर्ष की जीत का प्रतीक है. पूर्व अध्यक्ष प्रवीण राजगढ़िया ने कहा कि किन्नर समाज को विकास की मुख्यधारा में जोड़कर हम उनके जीवन में बदलाव ला सकते हैं. आर्थिक उत्थान के लिए इन्हें शिक्षा, रोजगार प्रशिक्षण और रोजगार का समान अवसर देना सुनिश्चित करने की जरूरत है. सदियों से चली आ रही इनके सांस्कृतिक महत्व को दरकिनार नहीं किया जा सकता है. उन्हें प्रत्येक क्षेत्र में समान अवसर देने की जरूरत है.
इसे भी पढ़ें-घाटशिला अनुमंडल की खबरें : खड़गपुर रेल मंडल सभागार में डीआरयूसीसी की हुई बैठक
मौके पर गणमान्य लोग मौजूद थे
इस अवसर पर डॉ. विनय ढानढ़निया, असिस्टेंट गवर्नर आदित्य मल्होत्रा, फर्स्ट लेडी सुधा ढांढनिया,भंडारी लाल, एस के मल्होत्रा, राजीव मोदी, मनोज तिवारी, अजयदीप वाधवा, अमित अग्रवाल, गौरव प्रशांत, शालिनी सिंघानिया, जशदीप सिंह, अतुल अग्रवाल, अजय साबु, एन के मखीजा, हर्मिंदर सिंह, रविन्द्र सिंह चड्ढा, प्रदीप बहल, कांता मोदी, डाकटर अनिल पांडेय, अंशु बहल, रमेश धरनिधरका, शशि मखीजा, चरणजीत सिंह वासु आदि उपस्थित थे .