Ramgarh : झारखंड निर्माता और आदिवासी समाज के नेता दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन पर रामगढ़ जिले के बरकाकाना में बुद्धिजीवी मंच की ओर से शोक सभा का आयोजन किया गया. नया नगर स्थित सीसीएल को-ऑपरेटिव मार्केट परिसर में लोगों ने उनकी तस्वीर पर पुष्प चढ़ाकर श्रद्धांजलि अर्पित की और एक मिनट का मौन रखा.
शिबू सोरेन आदिवासी समाज की ताकत थे : प्रदीप करमाली
शिबू सोरेन को श्रद्धा सुमन अर्पित करने के बाद शोक सभा का आयोजन हुआ, जिसकी अध्यक्षता मंच के अध्यक्ष प्रदीप करमाली ने की और संचालन डॉ. शाहनवाज खान ने किया. प्रदीप करमाली ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि झारखंड की राजनीति में शिबू सोरेन आदिवासी और मूलवासी के अधिकारों की बुलंद आवाज थे. उन्होंने आदिवासियों और मूलवासियों को एकजुट कर मान सम्मान बढ़ाने का काम किया है.
झारखंड आंदोलन के गांधी थे शिबू सोरेन: डॉ. शाहनवाज
वहीं डॉ शाहनवाज खान ने कहा कि शिबू सोरेन झारखंड राज्य निर्माण आंदोलन के नायक थे. जिस तरह महात्मा गांधी ने देश को आजादी दिलाने में अहम भूमिका निभाई, उसी तरह शिबू सोरेन ने झारखंड को अलग राज्य का दर्जा दिलाने में बड़ा योगदान दिया. उनका जीवन पूरी तरह झारखंड और यहां के लोगों के अधिकारों के लिए समर्पित था.
शोक सभा में कई समाजसेवी और नेता शामिल
इस अवसर पर बुद्धिजीवी मंच के सदस्य, सामाजिक कार्यकर्ता, राजनीतिक दलों से जुड़े लोग और स्थानीय नागरिक बड़ी संख्या में मौजूद थे. प्रमुख लोगों में अवधेश गुप्ता, सुशील कुमार, मोहम्मद सलीम, गिरी शंकर महतो, फरीदा खातून, रविंद्र मुंडा, सुरेश शर्मा, पवन महतो, राजकुमार महतो, जितेंद्र दास, वरुण कुमार और भगवान सिंह सहित कई लोग शामिल थे.
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