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रामगढ़ : कार्यशाला में डायन प्रथा के खिलाफ ग्रामीणों को किया गया जागरूक

Ramgarh : सामाजिक कुरीति निवारण योजना के तहत गुरुवार को रामगढ़ जिला के गोला प्रखंड के पंचायत भवन, मगनपुर में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस दौरान कार्यशाला में उपस्थित ग्रामीणों व अन्य को सामाजिक कुरीतियों जैसे डायन प्रथा एवं इसके रोकथाम के लिए डायन प्रथा प्रतिषेध अधिनियम 2001 के संबंध में विस्तार से जानकारी दी गई. कार्यशाला के दौरान ग्रामीणों को सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना के तहत बच्चियों को मिलने वाले लाभ, प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना सहित अन्य योजनाओं की जानकारी देने के क्रम में ग्रामीणों को योजनाओं का लाभ लेने के लिए प्रेरित किया.

क्या है डायन प्रथा प्रतिषेध अधिनियम 2001

डायन की पहचान यदि कोई भी व्यक्ति - जो किसी अन्य व्यक्ति को ``डायन`` के रूप में पहचान करता हो और उसके खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई करता हो तो इसके लिए उसे अधिकतम तीन महीने तक कारावास की सजा अथवा एक हजार रुपये जुर्माने की सजा अथवा दोनों से दंडित किया जायेगा. प्रताड़ित करने का हर्जाना-यदि कोई भी व्यक्ति जो किसी औरत को डायन के रूप में पहचान कर उसे शारीरिक या मानसिक यातना देता है, तो उसे छह महीने की सजा अथवा दो हजार रुपये तक जुर्माने अथवा दोनों सजा से दंडित किया जायेगा. इसे भी पढ़ें : बेरमो:">https://lagatar.in/bermo-the-crazed-policeman-who-injured-the-woman-after-killing-his-wife-is-out-of-custody/">बेरमो:

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