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रांची: अंतिम चरण में है सिरमटोली में बन रहा 5 मंजिला सरना भवन

Ranchi: सिरमटोली में आदिवासियों का सरना स्थल बन रहा है. इस पांच मंजिले सरना भवन को अंतिम रूप दिया जा रहा है. इसमें आठ कमरे व चार बड़े हॉल हैं. इसी भवन में सरना अंगवस्त्र रखने के लिए अलग से कमरा भी बनाया गया है. आदिवासियों का यह तीसरा धार्मिक स्थल होगा, जो आदिवासी समाज के लिए आस्था का केंद्र बिंदु होगा. यहां पर हजारों लोग सरहुल शोभायात्रा में शामिल होते हैं. लोग मां सरना से विनती करते हैं. https://lagatar.in/wp-content/uploads/2025/01/3-55.jpg">

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alt="" width="600" height="400" /> 7 अप्रैल 2022 को सीएम हेमंत सोरेन और पूर्व अनुसूचित जनजाति, जाति, पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के मंत्री चंपाई सोरेन, सांसद संजय सेठ, विधायक चद्रेश्वर प्रसाद सिंह व महापौर आशा लकड़ा की उपस्थिति में लगभग पांच करोड़ की लागत से शिलान्यास किया गया था. लोगों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए यहां पर गार्ड रूम भी बनाया गया है. भवन के प्रवेश द्वार को आकर्षक बनाया गया है. दीवारों पर आदिवासी संस्कृति, पंरपरा, पूजा पाठ, नाच गान समेत जनजातीय समुदाय से जुड़े पर्व त्यौहार को दीवारों पर चित्रित किया गया है. https://lagatar.in/wp-content/uploads/2025/01/1-72.jpg">

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 पांच मंजिला है सरना भवन 

एक करोड़ की आबादी वाले जनजातीय समुदाय के लिए यह पहला सरना भवन होगा. जहां पर पांच मंजिला सरना भवन है. इसके बन जाने से जनजातीय समुदाय के धार्मिक, सामाजिक कार्यकार्ताओं एक स्थान पर बैठकर आदिवासी समाज के आर्थिक, समाजिक और उत्थान पर विचार विमर्श कर सकते हैं. बता दें कि पूजा पाठ, विनती के समय जब भी बारिश होती थी. उस दौरान लोग बारिश से बचने के लिए आसपास के दुकानो एवं घरो में जाकर बचते थे, जो अब नहीं होगा.

हातमा सरना स्थल से सबसे पहले सरहुल जुलूस निकलता है

डॉ रामदयाल मुंडा और बाबा कार्तिक उरांव की अगुवाई में पहला सरहुल जुलूस निकला था. यह हातमा सरना स्थल से सिरमटोली सरना स्थल पहुंचा था. आदिवासी समाज इसी पंरपरा को आज भी निर्वाह कर रहे हैं. हातमा सरना स्थल से सबसे पहले सरहुल जुलूस निकलता है. उसके बाद ही रांची के विभिन्न गांवों, मुहल्लों, टोलों व कॉलेजों से जुलूस निकलता है. हर साल हजारों लोग माथा टेकते हैं और विनती करते हैं. इसे भी पढ़ें – महाकुंभ">https://lagatar.in/vhps-conference-starts-today-in-maha-kumbh-discussion-will-be-held-on-wakf-sanatan-board-kashi-mathura-and-places-of-worship-act-1991/">महाकुंभ

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