Ranchi: शिक्षा विभाग के 59 पदाधिकारियों ने 4 से 6 जनवरी तक राज्यभर के सरकारी स्कूलों का औचक निरीक्षण किया. इस दौरान पदाधिकारियों ने कई स्कूलों में भारी गड़बड़ियां पकड़ी हैं. राज्य के 24 जिलों में झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से ये पदाधिकारी भेजे गये थे. 2 और 3 सदस्यीय टीम बनाकर इन पदाधिकारियों ने हर जिले में 8 से 10 स्कूलों का औचक निरीक्षण किया. स्कूलों की ओर अपडेट की गई शिशु पंजी को चेक किया. मिड डे मील के भोजन की क्वालिटी चेक की. नि:शुल्क पोशाक, स्कूल बैग, स्कूल किट और साइकिल वितरण समेत अन्य योजनाओं में स्कूल की रिपोर्ट देखी और फिर गांवों में घूम-घूमकर शिशु पंजीकरण, आउट ऑफ स्कूल एवं ड्रॉप आउट से जुड़े मामलों की जमीनी पड़ताल की. इस दौरान उन्होंने अभिभावकों और बच्चों से बातचीत की. पड़ताल के दौरान पदाधिकारियों ने कई गड़बड़ी पकड़ी. पदाधिकारी 7 जनवरी को वापस लौटकर अपनी रिपोर्ट झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद को सौंपेंगे. उनकी रिपोर्ट के आधार पर संबंधित स्कूलों के शिक्षकों और हेडमास्टरों पर कार्रवाई की जाएगी.

योजनाओं की जमीनी हकीकत जानने गांव पहुंचे पदाधिकारी
झारखंड में स्कूली बच्चों का ड्रॉप आउट रेट कम करने और बच्चों को स्कूल तक लाने के लिए शिक्षा विभाग की ओर से कई योजनाएं और कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. झारखंड शिक्षा परियोजना की ओर से योजनाएं बनाकर लागू की जाती है. जिलों को योजनाओं के क्रियान्वयन का निर्देश दिया जाता है, लेकिन जिला स्तर पर मॉनिटरिंग के अभाव में योजनाएं दम तोड़ देती हैं. विभाग की योजनाओं की जमीनी हकीकत जानने के लिए शिक्षा परियोजना परिषद ने राज्यस्तरीय अनुश्रवण समिति का गठन कर जिलों में भेजा.
सोमवार को जारी हो सकता है कार्रवाई का आदेश
झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद को कई स्कूलों की ओर से लापरवाही करने और योजनाओं में गड़बड़ी करने की शिकायत प्राप्त हुई थी. इनमें उत्कृष्ट और आदर्श विद्यालय भी शामिल थे. अनुश्रवण समिति की टीम ने ऐसे स्कूलों में भी पहुंचकर वहां की व्यवस्था देखी और सभी पैमाने पर जांच की. कई टीमों ने स्कूलों में गड़बड़ियां पकड़ी और कार्रवाई की अनुशंसा की है. झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद सोमवार को ऐसे स्कूलों के शिक्षकों पर कार्रवाई का आदेश जारी कर सकता है.
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