त्रिपुरा की प्रतिष्ठित संस्था रोंग्तुली के द्वारा आयोजित तीन ऑनलाइन चित्रकला प्रतियोगिता में विवान ने प्रथम स्थान प्राप्त किया
Ranchi : डोरंडा के रहने वाले कलाकृति स्कूल ऑफ आर्ट्स के 7 साल के विवान शौर्य ने अपनी प्रतिभा के बल पर झारखंड का नाम राष्ट्रीय पटल पर रोशन किया है. विवान ने इस उम्र में त्रिपुरा राज्य की प्रतिष्ठित संस्था रोंग्तुली के द्वारा आयोजित तीन ऑनलाइन चित्रकला प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया है. पुरस्कार स्वरूप विवान को तीन ट्रॉफी और प्रमाण पत्र प्रदान किया गया है. विवान ने ऐसो दुर्गा, बाल दिवस एवं नववर्ष प्रतियोगिताओं में बेस्ट अचीवमेंट अवार्ड जीता है. इस प्रतियोगिता में किसी भी आयु के प्रतिभागी हिस्सा ले सकते थे. विवान ने तीन प्रथम पुरस्कार प्राप्त कर इस प्रतियोगिता में एक नया कीर्तिमान बनाया है.
जवाहर लाल विद्या मंदिर का छात्र है विवान
इस प्रतियोगिता में विवान ने अपनी अद्भुत चित्रकला से जजों को अचंभित कर दिया. विवान जवाहर विद्या मंदिर श्यामली में कक्षा 3 का छात्र है. विवान की इस उपलब्धि पर स्कूल के प्राचार्य समरजीत जाना एवं सभी शिक्षकों ने भी बधाई दी है.
129 पेंटिंग्स बनाकर इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज कराया था अपना नाम
इससे पूर्व विवान ने सबसे कम उम्र में 129 पेंटिंग्स बनाने के लिए अपना नाम इंडिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स में दर्ज कराया था. विवान के गुरु और पिता धनंजय कुमार खुद भी प्रख्यात चित्रकार हैं. और कलाकृति स्कूल ऑफ़ आर्ट्स के संस्थापक हैं. उन्होंने बताया कि विवान ने 2 वर्ष की छोटी उम्र से ही पेंटिंग बनानी शुरू कर दी थी.
लॉकडाउन का सदुपयोग कर विवान ने पेंटिंग्स बनाना शुरू किया
विवान छोटी सी उम्र से ही अपने पिता के मार्गदर्शन में चित्रकारी के गुर सीख रहा था. लॉकडाउन के समय का सदुपयोग कर विवान ने पेंटिंग्स बनाना शुरू किया. लगभग 150 से अधिक पेंटिंग्स बनाई है. विवान अबतक 100 से अधिक अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तर का पुरस्कार जीत चुका है.
विवान की माता रजनी कुमारी ने बताया कि विवान पेंटिंग के अलावा एक्टिंग, रोल प्ले, कहानी वचन, भाषण, कविता वचन और पियानो में भी अपनी प्रतिभा से बड़े-बड़े मंच पर सबको चौंका देता है और पुरस्कार भी जीतता है.
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