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रांची: 3 महीने में 982 ड्राइविंग लाइसेंस निलंबित, सबसे ज्यादा कार्रवाई बिना हेलमेट वालों पर

Manish

Ranchi :  रांची में ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों की अब खैर नहीं. जनवरी से मार्च 2025 के बीच ट्रैफिक नियम तोड़ने पर कुल 982 लोगों का ड्राइविंग लाइसेंस जब्त कर लिया गया है. सबसे ज्यादा पकड़ उन्हीं लोगों की हुई है, जो बिना हेलमेट बाइक चला रहे थे या शराब पीकर गाड़ी चला रहे थे.

जनवरी महीने में ही 473 लाइसेंस सस्पेंड कर दिए गए. इनमें 185 लोग शराब पीकर गाड़ी चला रहे थे, 73 लोग बिना हेलमेट थे और कुछ लोग बिना परमिट गाड़ी लेकर निकल पड़े थे.

फरवरी में 243 लोगों का लाइसेंस गया. इसमें 203 लोग शराब और रैश ड्राइविंग में पकड़े गए, जबकि कुछ सीट बेल्ट और हेलमेट नहीं लगाए थे.

मार्च में 266 लाइसेंस निलंबित हुए. सबसे चौंकाने वाली बात ये रही कि अकेले मार्च में ही 334 लोग शराब या खतरनाक ड्राइविंग में पकड़े गए. हेलमेट न पहनने पर 26 लोगों का लाइसेंस गया.

अगर तीन महीने के आंकड़े जोड़ें तो 722 लोगों ने शराब पीकर या तेज रफ्तार से गाड़ी चलाई, 117 बिना हेलमेट के थे, 52 ने बिना परमिट गाड़ी चलाई और 31 ने सीट बेल्ट नहीं लगाई.

अब सिर्फ चालान ही नहीं कट रहा, सीधा लाइसेंस ही सस्पेंड कर दिया जा रहा है. DTO का कहना है कि अब कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

अब बात करते हैं हादसों की. इन तीन महीनों में कुल 226 सड़क हादसे हुए और इनमें 164 लोगों की मौत हो गई. यानी हर दूसरे दिन किसी न किसी की जान सड़क हादसे में गई.
रांची धुर्वा थाना क्षेत्र में सबसे ज्यादा हादसे हुए. हादसे के 17 केस और इसमें 11 की जान गयी. इसके बाद नामकुम, तमाड़, रातू जैसे इलाकों में भी हालात खराब रहे.

जनवरी में रांची में 73 हादसे हुए जिनमें 45 की जान गई. फरवरी में 71 हादसे हुए जिनमें 60 लोगों की मौत हुई. वहीं मार्च में 82 हादसे हुए और इसमें  59 लोग मारे गए.

इन हादसों में 283 लोग प्रभावित हुए. कुछ को गंभीर चोटें आईं, कुछ को हल्की. कुल 148 लोग गंभीर रूप से घायल हुए और 63 को मामूली चोटें लगीं.

अगर गांव और शहर की बात करें तो 152 हादसे गांवों में हुए और 128 लोगों की जान गांव में ही गई. शहर में 74 हादसों में 36 मौतें हुईं. यानी गांवों की सड़कों के हालात और भी खराब हैं.

रांची में इतने हादसों और लोगों की जान जाने के बावजूद भी इसी दौरान यानी जनवरी से मार्च 2025 तक 7193 नए ड्राइविंग लाइसेंस भी बनाए गए. इसमें से 6023 पुरुषों को, 1168 महिलाओं को और 2 ट्रांसजेंडर को लाइसेंस मिला.

हालांकि लोग गाड़ी चलाना तो सीख रहे हैं, लेकिन जमकर ट्रैफिक नियमों को तोड़ भी रहे हैं. जिसका खामियाजा लोग अपनी जान गंवाकर कर रहे हैं.