Ranchi: न्यायालय ने पुलिस द्वारा किसी तरह का दस्तावेज और गवाह पेश नहीं करने की वजह से जालसाजी के आरोपी को बरी कर दिया है. मामला जालसाजी कर झलक गैस एजेंसी के उपभोक्ताओं को मिली सब्सिडी की राशि को हड़पने का है. जालसाजी के इस मामले में दर्ज करायी गयी प्राथमिकी में यह आरोप लगाया गया था कि सतीश पांडेय ने 2017 से जुलाई 2019 तक की अवधि में झलक गैस एजेंसी के कुछ उपभोक्ताओं के साथ जालसाजी की. अभियुक्त ने उपभोक्ताओं के दस्तावेज के साथ छेड़छाड़ गैस में मिलने वाली सब्सिडी की 1.45 लाख रुपये अपने खाते में ट्रांसफर कर लिया. जालसाजी के इस मामले में आरोप पत्र दायर करने के बाद न्यायालय ने अभियुक्त के खिलाफ संज्ञान लिया. अप्रैल 2023 में संज्ञान लेने के बाद मामले में ट्रायल शुरू हुआ. इस क्रम में पुलिस को कई बार गवाह और दस्तावेज पेश करने के लिए मौका दिया गया. लेकिन पुलिस की ओर से दस्तावेज में जालसाजी से संबंधित ना तो कोई दस्तावेज पेश कया गया ना ही कोई गवाह. पुलिस की ओर से अभियुक्तों के खिलाफ किसी तरह का सबूत पेश नहीं करने की वजह से न्यायालय ने अभियुक्त को बरी कर दिया. इसे भी पढ़ें -तमिलनाडु">https://lagatar.in/tamil-nadu-ed-raids-more-than-10-places-of-minister-senthil-balaji-his-supporters-in-money-laundering-case/">तमिलनाडु
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रांची : पुलिस की लापरवाही से जालसाजी के आरोपी बरी

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