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रांची : पारस एचईसी अस्पताल में ‘बैक टू स्कूल’ कार्यक्रम का शुभारंभ, 16 अप्रैल को अस्पताल की रीलॉन्चिंग

Ranchi :   रांची के पारस एचईसी अस्पताल में गुरुवार को ‘बैक टू स्कूल’ कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया. इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य करीब 2 साल के अंतराल पर स्कूल जाने वाले बच्चों के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देना है. पारस एचईसी हॉस्पिटल के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. सुहाश ने बताया कि राजधानी रांची के हृदय स्थल में बसा पारस एचईसी अस्पताल अपनी गरिमामई उपस्थिति फिर दर्ज कराएगा. एक समय यह एचईसी अस्पताल रांची की शान हुआ करता था. हमें उम्मीद है कि हमारी मेहनत और सबका सहयोग इस अस्पताल की गरिमा को एक नया मुकाम जरूर देगा. पारस एचईसी अस्पताल इस नए अवतार में अपने पुराने विश्वास को हासिल करने में जरूर कामयाब होगा. इसे भी पढ़ें-स्पीकर">https://lagatar.in/speaker-directs-brother-tirkey-to-start-disqualification-process/">स्पीकर

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ज्यादातर बच्चों में आंखों की समस्या

अस्पताल के यूनिट हेड डॉक्टर नितेश ने बताया कि समाज को ज्यादा से ज्यादा लाभ देने के लिए विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर अस्पताल प्रबंधन ने एक अभियान की शुरुआत की है. इस अभियान के तहत शहर के सभी स्कूलों में जाकर बच्चों के स्वास्थ्य की मुफ्त जांच की जाएगी. ताकि आने वाले समय में बच्चों को स्वास्थ्य संबंधी बीमारियों का सामना न करना पड़े. मौजूदा हालात में लॉकडाउन की वजह से ज्यादातर बच्चों में आंखों की समस्या देखी जा रही है, जिसका खास कारण ऑनलाइन क्लास में कंप्यूटर और मोबाइल का लगातार इस्तेमाल है. इस अभियान के तहत बच्चों में पनप रहे आंखों की समस्या  को देखते हुए इसे दूर करने का प्रयास किया जायेगा. बच्चों के दांतों की भी जांच की जाएगी. उसके पश्चात पूरे शरीर की जांच की जाएगी. इसे भी पढ़ें-चाईबासा">https://lagatar.in/chaibasa-on-the-banks-of-the-roro-river-chhath-devotees-offered-arghya-to-the-setting-sun/">चाईबासा

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आयुष्मान भारत की सुविधाएं भी मौजूद

डॉक्टर नितेश ने बताया कि आगामी 16 अप्रैल को पारस एचईसी अस्पताल की रीलॉन्चिंग होगी. हालांकि 2019 अक्टूबर से ही अस्पताल कार्यरत है,लेकिन बीते 2 वर्षों से कोरोना के कारण अपनी अत्याधुनिक सुविधाओं की शुरुआत अस्पताल में नहीं हो पायी थी. अब लॉकडाउन और कोविड की समाप्ति के पश्चात पारस एचईसी अस्पताल अपने सुपर स्पेशलिटी सुविधाओं के साथ समाज को सेवा प्रदान करने जा रहा है. इस अस्पताल में आयुष्मान भारत की सुविधाएं भी मौजूद है. इसे भी पढ़ें-बेरमो:">https://lagatar.in/bermo-police-launched-vehicle-checking-campaign-deducted-challan/">बेरमो:

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सीनियर सिटीजन को इलाज में विशेष छूट

सीनियर सिटीजन क्लब के तहत सीनियर सिटीजन को इलाज में विशेष छूट दी जायेगी.40 बेड की आईसीयू सुविधाओं के साथ सामान्य मरीजों के लिए 150 बेड की वर्तमान व्यवस्था है, जो कि आने वाले समय में 300 तक करने की योजना है.‘बैक टू स्कूल’ अभियान का विचार डॉक्टर नितेश के मन में दुबई से ही आयी. क्योंकि पारस अस्पताल से पहले डॉक्टर नितेश दुबई में अस्पताल चलाते थे और दुबई में स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों की स्वास्थ्य जांच अस्पताल के द्वारा निरंतर किया जाता है. दुबई के स्वास्थ्य योजना से प्रेरित होकर डॉक्टर नितेश ने रांची के पारस अस्पताल में इस अभियान को चलाने का विचार किया.जिसकी सबने तारीफ की. इसे भी पढ़ें-MoHUA">https://lagatar.in/mohua-started-rachana-from-ranchi-75-programs-to-be-organized-across-the-country/">MoHUA

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स्कूलों में जाकर बच्चों की स्वास्थ्य जांच

पारस एचईसी अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ. संजय कुमार ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि "बैक टू स्कूल" कार्यक्रम के तहत स्कूलों में जाकर बच्चों की स्वास्थ्य जांच की जाएगी. ताकि आने वाली बीमारियों के बारे में पता लग सके. संजय कुमार ने कहा कि बीते 2 वर्षों में महामारी के रूप को देखते हुए आने वाले समय में हमें स्वास्थ्य के प्रति सजग रहने की आवश्यकता है. शहर में जितने भी स्कूल हैं या तो स्कूल प्रबंधन की तरफ से अस्पताल प्रबंधन को सूचित किया जाय या फिर अस्पताल प्रबंधन अपनी तरफ से स्कूल प्रबंधन से संपर्क कर बच्चों के स्वास्थ्य जांच की दिशा में पहल की शुरुआत करेगा. इसे भी पढ़ें-दरभंगा:">https://lagatar.in/darbhanga-50-lakh-looted-in-broad-daylight-in-pnb-police-engaged-in-investigation/">दरभंगा:

पीएनबी में दिनदहाड़े 50 लाख की लूट, जांच में जुटी पुलिस कार्यक्रम में आमंत्रित शहर के प्रतिष्ठित सफायर इंटरनेशनल स्कूल के प्रधानाध्यापक अमित सिंह ने कहा कि बीते 2 वर्षों में हमारे समाज ने कोविड जैसी बीमारी का सामना किया. जिस से बहुत कुछ सीखने को मिला.अस्पताल की तरफ से आयोजित इस प्रेस वार्ता में अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ. संजय कुमार. यूनिट हेड डॉक्टर नितेश, क्षेत्रीय निदेशक डॉ. सुभाष, वित्तीय प्रबंधक वीरेंद्र एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. संजीव मौजूद थे.   [wpse_comments_template]

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