Ranchi : शहर में कूड़ा उठाव के लिए रांची नगर निगम के अधीन चलने वाली अधिकतर गाडियां जर्जर हो चुकी हैं. इनके सहारे ही शहर की सफाई व्यवस्था चल रही है. निगम की अधिकतर गाडियां रख-रखाव के अभाव में कबाड़ में तब्दील होती जा रही है. गाडियों की हालत ऐसी है कि चालक भी गाड़ी चलाने में डरते हैं. किसी गाड़ी में हार्न नहीं है, तो किसी में शीशा नहीं है. कई गाड़ियां तो बिल्कुल जर्जर स्थिति में चल रही हैं. इन गाड़ियों की हालत देखकर भी ट्रैफिक पुलिस अनदेखी कर देती है. जर्जर गाड़ियों के कारण ट्रिप की संख्या कम होती है, जिसका असर कूड़े के उठाव पर भी पड़ता है. आम लोगों की परेशानी बढ़ जाती है.
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सभी गाड़ियों का फिटनेस टेस्ट कराएगा निगम
इस बीच नगर निगम ने अपनी गाडियों का फिटनेस टेस्ट कराने का निर्णय लिया है. इसके लिए निगम ने एमवीआई को लेटर लिख कर गाडियों की जांच कराने का आग्रह किया है. हालांकि जांच में निगम की कितनी गाडियां सही अवस्था में पाई जाएंगी, यह तो जांच के बाद ही सामने आएगा. लेकिन जिन गाडियों से कचरे का उठाव हो रहा है या फिर जो गाडियां निगम के स्टोर में खड़ी हैं, वो सभी कंडम हालात में पड़ी हुई हैं. धीरे-धीरे इनकी स्थिति और खराब होती जा रही है.
निगम में छोटे-बड़े मिलाकर 500 से अधिक वाहन
रांची नगर निगम में छोटे-बड़े मिलाकर 500 से अधिक वाहन हैं. इनमें करीब तीन सौ टाटा एस, 150 ट्रैक्टर एवं 25 सिटी बसें रनिंग कंडीशन में हैं. इन गाडियों की मदद से नगर निगम शहर में सफाई व्यवस्था व यात्री सेवा दुरस्त रखने का प्रयास करता है. रांची नगर निगम में कुल 53 वार्ड हैं. हर वार्ड में चार से पांच गाडियां दी गई हैं, जिससे कचरे का उठाव होता है. सभी मुहल्लों में टाटा एस से कचरे का कलेक्शन किया जाता है. लेकिन चाहे छोटी गाड़ी हो, ट्रैक्टर हो या फिर सिटी बस ही क्यों न हो, सभी वाहनों की हालत खराब हो चुकी है. सबसे खराब अवस्था में छोटी गाड़ियां और ट्रैक्टर हैं. इन गाडियों में न तो नंबर प्लेट है और न ही किसी सुरक्षा मानक को ये पूरा करते हैं.
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