Vinit Abha Upadhyay Ranchi : रांची सिविल कोर्ट की अधिवक्ता सुजाता सेन को कोर्ट ने बरी कर दिया है. वह NDPS से जुड़े केस में ट्रायल फेस कर रही थी. अधिवक्ता सुजाता के खिलाफ लोअर बाजार थाना में कांड संख्या 336/2021 दर्ज की गयी थी. प्राथमिकी के मुताबिक अधिवक्ता के पास से प्रतिबंधित कफ सिरप और नींद की दवाइयां बरामद हुई थी. वह लगभग तीन वर्ष से ज्यादा समय से जेल में थी. कोर्ट के आदेश के बाद उन्हें बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार से रिहा कर दिया गया. NDPS एक्ट की धाराओं में केस दर्ज किया गया था.
गवाह साबित नहीं कर पाये, अधिवक्ता नशे के कारोबार में शामिल हैं
सुजाता की ओर से अधिवक्ता निमई चन्द्र दास ने बहस की. पुलिस की ओर से इस केस में सात गवाह और कई साक्ष्य प्रस्तुत किये गये वहीं बचाव पक्ष की ओर से एक भी गवाह प्रस्तुत नहीं किया गया. लेकिन पुलिस द्वारा पेश किये गये गवाह यह साबित नहीं कर पाये कि अधिवक्ता सुजाता सेन नशे के कारोबार में शामिल हैं. अधिवक्ता निमई चन्द्र दास के मुताबिक कोर्ट द्वारा रिहाई के आदेश से अधिवक्ता सुजाता पर लगा दाग तो धुल गया लेकिन तीन वर्ष तक एक महिला अधिवक्ता को जेल की सलाखो के पीछे रहना पड़ा यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है.
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