प्रवीण कुमार
Ranchi: झारखंड गठन के बाद सेंटिंग पोस्ट के रूप में शुमार रहे कनिश्नर पद को एक आईएएस अफसर जीवंत कर गए. ये और कोई नहीं आईएएस नितिन मदन कुलकर्णी हैं. झारखंड बनने के बाद किसी भी कमिश्नरी के इतिहास में यह पहला मौका था जब किसी कमिश्नर ने 15 महीने में 400 से अधिक केसों का निपटारा किया. इसमें आधिकांश केस एसएआर (शेड्यूल एरिया रेगुलेशन ) से जुड़ा था. यहां तक कि उन्होंने जर्जर अवस्था में पड़े कमिश्नर भवन को भी जीर्णोद्धार करा कर उसे नया लुक प्रदान किया.
कमिश्नर कार्यालय को किया सक्रिय
उन्होंने कमिश्नर कार्यालय को सक्रिय किया. अपने कार्य़ाकाल के दौरान आदिवासी रैयतो में एक अलग और अमिट पहचान की लकीर खींची. इसके अलावा नितिन मदन कुलकर्णी ने स्वार्थवश अधिकारियों के द्वारा किए गए कार्यों की रिपोर्ट भी सरकार को दी. इसमें रांची उपायुक्त छवि रंजन, कई अंचलों के अंचलाधिकारी और रजिस्टार शामिल हैं.
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आदिवासी रैयतों में भूमि वापसी की जगाई उम्मीद
नितिन मदन कुलकर्णी ने कमिश्नर के पद पर रहते हुये वैसे केसों का भी निपटारा किया जो 1980, 1990 दशक से कमिश्नर कोर्ट में लंबित था. उन केसों में भूमि वापसी के लिये आदिवासी रैयत दो पीढ़ियों से कोर्ट का चक्कर लगा रहे थे. 15 महीने में 400 से अधिक मामलों का निपटारा हुआ जिसमें 90 फीसदी केस में आदिवासियों के पक्ष में फैसला आया.
कमिश्नर के पद रहे नितिन मदन कुलकर्णी के कार्यकाल के चर्चित मामले
-रांची के बड़गाईं अंचल के मोरहाबादी मौजा की 4.55 एकड़ सेना की कब्जे वाली रैयती जमीन मामले में एक्शन लिया. फर्जी तरीके से खरीद-बिक्री करने के मामले की जांच कर जांच रिपोर्ट सरकार को भेजी
डीसी छवि रंजन पर कसा शिकंजा
-रांची डीसी छवि रंजन पर शस्त्र लाइसेंस निर्गत करने के एवज में घूस लेने के आरोप की जांच कर मुख्य सचिव को रिपोर्ट भेजी.
-रांची डीसी छवि रंजन ने पिछले साल 7 एकड़ बजरा मौजा की जमीन की रसीद एक साथ 83 साल के काटने का आदेश दिया. रांची कमिश्नर नितिन मदन कुलकर्णी ने मामले की जांच की. कमिश्नर ने 13 पन्नों की जांच रिपोर्ट भू-राजस्व विभाग को भेज दी है. जिसमें कई रहस्योदघाटन किये गये हैं. कमिश्नर ने रांची डीसी के इस काम पर गंभीर सवाल खड़े किये हैं और कार्रवाई की अनुशंसा की है. इस रिपोर्ट के आधार पर रांची डीसी रहे छवि रंजन पर राजस्व परिषद में मामला चल रहा है.
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अंचलाधिकारियों के खिलाफ की अनुशंसा
बुंडू अंचल के कोडदा मौजे की 1,457 एकड़ गैरमजरुआ, रैयती और वन भूमि रजिस्ट्री के मामले में जांच कर दोषी आधिकारियों के खिलाफ अनुशंसा की. तत्कालीन भूमि सुधार उप समाहर्ता बुंडू जयश्री झा, अंचल अधिकारी बुंडू सुधीर कुमार, राजस्व कर्मचारी कोड़दा मौजा, जिला अवर निबंधक सहित भूमि निबंधन से जुड़े कर्मियों पर विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की.
भुईंहरी जमीन पर कड़ा रूख
-भुईंहरी जमीन की खरीद-बिक्री और अवैध रूप से बड़े भवन बनाने के मामले में कड़ा रूख अपनाया. कमिश्नर के पद पर रहे नितिन मदन कुलकर्णी ने इसे काफी गंभीरता से लिया था. निलंबित आईएएस पूजा सिंघल के पति अभिषेक झा का पल्स अस्पताल भी भुईंहरी जमीन पर बना है. भुईंहरी जमीन म्यूटेशन के लगान रसीद को रद्द करने की अनुशंसा की.
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