जीवन की कठिन परिस्थितियों को समझने की जरूरतः इंद्रेश
कथा के दौरान इंद्रेश उपाध्याय ने जीवन की कठिन परिस्थितियों को समझाने के लिए जल में डूबने का उदाहरण दिया. उन्होंने बताया कि जब गहरे पानी में चले जाते हैं, तो बचने के लिए दो बातों का ध्यान रखना चाहिए. पहला मुंह बंद रखना और दूसरा हाथ-पैर न मारकर शरीर को स्थिर छोड़ देना. इसी प्रकार जब जीवन में भयावह स्थितियां आएं, तो शांत रहकर धैर्य रखना चाहिए. भगवान हमेशा अपने भक्तों की प्रत्येक गतिविधि पर दृष्टि रखते हैं और उन्हें सही राह दिखाते हैं.जीवन में क्षमा, धैर्य और भक्ति का महत्व को समझने की जरूरत
व्यास ने बताया कि मानव जीवन में सद्गुण और अवगुण दोनों ही होते हैं. यह व्यक्ति के ऊपर निर्भर करता है कि वह किसका चयन करता है. भागवत कथा सुनकर और गुरुजनों की वाणी का अनुसरण करने वाला व्यक्ति सद्गुण के मार्ग पर आगे बढ़ता है और परमात्मा की कृपा प्राप्त करता है. श्रीमद् भागवत कथा के इस दिव्य प्रसंग ने श्रद्धालुओं को जीवन में क्षमा, धैर्य और भक्ति का महत्व समझाने का संदेश दिया. कथा के तीसरे दिन भक्ति, श्रद्धा आस्था देखने को मिला. इस दौरान हजारो भक्तों की भीड़ उमडी. जिनकी आस्था और उत्साह देखते ही बन रहा था. प्रवचनों से श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया. भजन शुरू होते ही पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया. इसे भी पढ़ें – सैम">https://lagatar.in/sam-pitroda-supported-china-said-indias-attitude-is-confrontational-bjp-lashed-out-said-this-is-an-attack-on-indias-identity-diplomacy-and-sovereignty/">सैमपित्रोदा ने चीन की तरफदारी की, कहा, भारत का रवैया टकराव वाला… भाजपा बरसी, कहा, यह भारत की अस्मिता, कूटनीति और संप्रभुता परआघात हर खबर के लिए हमें फॉलो करें Whatsapp Channel: https://whatsapp.com/channel/0029VaAT9Km9RZAcTkCtgN3q
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