- विधानसभा में दीपिका पांडेय सिंह ने की शिकायत
- 6 बार फोन करने पर भी डीसी ने न कॉल रिसीव की, न कॉल बैक किया- दीपिका
Ranchi: राज्य में ब्यूरोक्रेट्स की मनमानी फिर शुरू हो गई है. हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री बनने के बाद अफसरशाही पर लगाम कसी थी, लेकिन फिर से अधिकारी बेलगाम होने लगे हैं. अफसरों के रवैये से आम आदमी तो छोड़िये राज्य के सत्ताधारी दल के विधायक भी परेशान हैं. झारखंड विधानसभा में महगामा की कांग्रेस विधायक दीपिका पांडेय सिंह ने कहा कि उनकी शिकायत है कि राज्य के कई अधिकारी फोन नहीं उठाते. कुछ मामलों की जानकारी के लिए उन्होंने रांची के उपायुक्त छवि रंजन को 6 बार फोन किया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया.
विधानसभा में बुधवार को पेयजल स्वच्छता, कला संस्कृति और खेलकूद विभाग के बजट पर बहस के दौरान उन्होंने सदन में यह बात कही. सिर्फ दीपिका पांडेय सिंह की ही नहीं कई और लोगों की भी शिकायत है कि डीसी फोन नहीं उठाते. जनता की सेवा के लिए उपायुक्त छवि रंजन को मोबाइल नंबर 943170833 दिया गया है. डीसी जिले के अधिकारी हैं हो सकता है वो अधिक व्यस्त हों इसलिए फोन नहीं उठा पाते हों, लेकिन दिन के अलग-अलग समय में कई बार कॉल करने पर भी वो फोन नहीं उठाते. ऐसी शिकायत कई लोगों की है.
दूसरी पाली में भी गरमाया रहा चापाकल का मुद्दा
सदन में पेयजल और स्वच्छता विभाग के अनुदान मांग पर बहस के दौरान विधानसभा में आज फिर विधायकों को 5-5 चापाकल देने का मामला गरमाया रहा. विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए विभागीय मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि विधायकों के अनुसंशा पर चापाकल लग रहे हैं. जिन विधायकों के क्षेत्र में नहीं लगे हैं वहां जल्द लग जायेंगे. मंत्री ने कहा कि कोरोना काल में चुनौतियों के बीच हेमंत सरकार ने ढाई लाख घरों में नल का जल दिया. 58 लाख 95 हजार घरों को नल का जल उपलब्ध कराने की योजना है.
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उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार की शुरू की गई कई योजनाएं रघुवर सरकार के समय बंद हो गई. गढ़वा और चाईबासा में बंद पड़ी जलापूर्ति योजना की मई महीने से शुरू करने की योजना है. मंत्री ने बताया कि पुनासी जलाशय योजना का 65 फीसदी से ज्यादा काम पूरा हो चुका है. इस योजना से न सिर्फ सिंचाई होगी बल्कि लोगों को शुद्ध पेयजल भी मिलेगा. उन्होंने झारखंड को पर्यटन हब के रूप में विकसित करने की भी बात कही.
सरकार निकम्मी, किस मुंह से मांग रही पैसा- मनीष जायसवाल
बीजेपी विधायक मनीष जायसवाल ने कहा कि विभाग किस मुंह से पैसे मांग रहा जब मंत्री कहते हैं कि चापाकल नहीं लगायेंगे. 2024 में नल से जल पहुंचाने की योजना अगले 10 साल में भी पूरी नहीं हो पाएगी, क्योंकि 11 फीसदी घरों तक ही जल पहुंचा है. उन्होंने कहा कि अपने विधानसभा क्षेत्र में 5 चापानल लगाने के लिए उन्होंने काफी पहले अनुशंसा भेज दी थी, लेकिन अबतक एक भी चापाकल नहीं लगा. विधायक ने कहा कि यह सरकार निकम्मी है.
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जब पिछली बजट की राशि में इतने कम कम पैसे खर्च किया तो फिर इन्हें इतनी राशि मांगने का कोई हक नहीं है. झारखंड में 18 साल बीजेपी का शासन रहने की बात करने वाले सत्ता पक्ष के लोग यह भी याद करें कि केंद्र में 55 साल किसकी सरकार रही. उन्होंने हजारीबाग के नर्सिंग स्थान, चतरा के इटखोरी और कोडरमा के ध्वजाधारी पहाड़ को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की मांग की.
क्या कहा विधायकों ने
विधायक सरफराज अहमद ने कहा कि उनके विधानसभा में तो चापाकल लग रहा है. दूसरे जगहों पर नहीं लग रहा तो विधायक अधिकारियों से संपर्क करें. बीजेपी विधायक नारायण दास ने कहा कि हेमंत सरकार पर्यटन नीति लागू नहीं कर पाई. विधायक राजेश कच्छप ने कहा कि रांची के जलस्त्रोतों की हालत बुरी है. हरमू नदी नाला बन गया. बड़ा तालाब का पानी पीने लायक नहीं रहा. स्वर्णरेखा नदी पवित्र नदी मानी जाती थी, आज वहां लोग नहीं सकते. इसके अलावा बंधु तिर्की, लंबोदर महतो और विनोद सिंह बजट पर बहस में हिस्सा लिया.
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