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Ranchi : देशभर में कोरोना की तीसरी लहर देखने को मिल रहा है. एक दिन में कोरोना के 2लाख से ज्यादा नये मामले आ रहे है. जिसे देखते हुए रांची जिला प्रशासन ने अपनी तैयारी कर ली है. लेकिन सबसे अच्छी बात यह है कि लोगों को इसकी जरूरत नहीं पड़ रही है. वायरस या फ्लू वाले सिम्पट्मस के साथ लोग 3-4 दिनों में ठीक हो जा रहे है. गौरतलब है कि दूसरी लहर में काफी भयावह थी. केवल रांची जिला या झारखंड ही नहीं बल्कि पूरे देश में कोरोना के मरीजों को परेशानी हो रही थी. आईसीयू या ऑक्सीजन बेड तो दूर लोगों को नॉर्मल बेड भी नहीं मिल पा रहा था. अचानक ऑक्सीजन की मांग बढ़ने से लोग काफी डरे हुए थे. दूसरी लहर में हॉस्पिटल के साथ ही लोगों को कब्रिस्तान में भी जगह नहीं मिल पा रही थी.
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प्रशासन ने 12 सेल का गठन किया है
दूसरी लहर से सीख लेते हुए इस बार ऐसी परिस्थितियां ना उत्पन्न हो पाये इसके लिए जिला प्रशासन तैयारी दुरुस्त रखी है. प्रशासन ने विभिन्न जरुरतों को देखते हुए 12 सेल का गठन किया है. इन सेल में कई पदाधिकारी और डॉक्टरों की नियुक्ति की है. जो लोगों तक सुविधाएं पहुंचाने के लिए कार्य करेंगें. इसमें कंटेनमेंट जोन, मरीजों के ट्रैकिंग-ट्रेसिंग, हेल्पलाइन नंबर, होम आइसोलेशन, एंबुलेंस सेवा, डिस्चार्ज सेल, लॉजिस्टिक्स सेल, रिफिलिंग ऑफ ऑक्सीजन सेल, वैक्सीनेशन सेल के साथ ही मृत मरीज के अंतिम संस्कार की भी व्यवस्था की गई है.
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12 सेल में लगभग 40 नोडल पदाधिकारी, 42 मॉनिटरिंग यूनिट इंचार्ज और 8 डॉक्टर कर रहे कार्य
दूसरे लहर की तरह फिर से परिस्थितियां न आए. इसके लिए रांची जिला प्रशासन ने 12 सेल का गठन किया है. हर सेल के लिए प्रशासन की ओर से एक सेल इंचार्ज नियुक्त किया गया है. 12 सेल के लिए लगभग 40 नोडल पदाधिकारी, लगभग 42 प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग यूनिट इंचार्ज और 8 डॉक्टर पदाधिकारियों को नियुक्त किया गया है. ये सभी साथ में समन्वय स्थापित करते हुए हर तरह की सुविधा मुहाया कराएगें.
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जानें 12 सेल किस तरह की सुविधा के लिए काम करेगा
- इंटिग्रेटेड डिजिज सर्विलेंस प्रोग्राम (आईडीएसपी) सेल : यह सेल जिले भर से पॉजिटिव मरीजों की जानकारी और आकंड़े पर काम करेगा.
- कंटेनमेंट जोन, ट्रैकिंग और टेस्टिंग सेल : यह सेल कंटेंनमेंट जोन को चिन्हित करेगा, पॉजिटिव मरीजों और उनके संपर्क में आए लोगों को ट्रेस करने का काम करेगा.
- डेड बॉडी डिस्पोजल सेल : यह सेल मृत मरीज के गाइडलाइन्स के अनुसार अंतिम संस्कार के कार्य पर फोकस करेगा.
- कॉल सेंटर सेल : यह सेल होम आइसोलेशन मरीजों, कंटेनमेंट जोन में रहने वालों के साथ संपर्क करता है. साथ ही दूसरे सेल के साथ ही उचित सुविधा के लिए संपर्क करता है.
- होम आइसोलेशल ट्रैकिंग सेल : यह सेल लोगों को होम आईसोलेशन कीट उपलब्ध कराने के साथ ही उनके डिस्चार्ज से संबंधित अन्य कार्य करता है.
- एंबुलेंस सेल : एंबुलेस मैनेजमेंट और समय पर इसके उपलब्ध कराने के लिए समर्पित है.
- वाहन मैनेजमेंट सेल : जरुरत पड़ने पर वाहनों की व्यवस्था के साथ ही यह सेल सैंपल कलेक्शेल के लिए वाहन, मोक्ष वाहन आदि की व्यवस्था कराएगा.
- डिस्चार्ज सेल: टेस्टिंग और सैंपल कलेक्शन सेल के साथ समन्वय स्थापित करते हुए रिकवर हुए मरीजों का रिकॉर्ड रखेगा.
- इंफॉर्मेशन, एजुकेशन एंड कम्युनिकेशन सेल: यह सेल लोगों को गाइडलाइन्स के अनुरुप व्यवहार करने के लिए प्रेरित और इसका प्रचार-प्रसार करेगा.
- लॉजिस्टिक्स एंड हॉस्पिटल सेल : यह सेल हॉस्पिटलों में हर सुविधा जैसे खाना, पानी, साफ-सफाई, सुरक्षा सभी के लिए जिम्मेदार है. रिफिलिंग ऑफ सिलेंडर सेल ऑक्सीजन की आपूर्ति सही से करने के लिए यह सेल जिम्मेदार है.
- कोविड ओएसडी सेल : यह सेल जरुरत के अनुसार विभिन्न जगहों पर मेडिकल टीम, मेजिस्ट्रेट, पुलिस ऑफिसर, सहित अन्य की नियुक्ति करेगा.
- वैक्सीनेशन सेल : यह सेल वैकेसीन उपलब्ध कराने और वैक्सीनेशन के सुचारु संचालन के लिए समर्पित है.
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