Ranchi: अब रांची सिविल कोर्ट के अधिवक्ताओं को भी कोरोना के संक्रमण का डर सताने लगा है.रांची जिला बार एसोसिएशन के द्वारा रांची सिविल कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश के नाम पत्र लिखकर अगले 15 दिनों तक सिविल कोर्ट से संबंधित सभी न्यायालयों में लंबित सुनवाई को स्थगित करने का आग्रह किया गया है.
रांची जिला बार एसोसिएशन ने अपनी सहमति जताई है
इस पत्र में स्टेट बार काउंसिल के अध्यक्ष राजेंद्र कृष्णा द्वारा हाई कोर्ट समेत राज्य भर की अदालतों में अगले 15 दिनों तक सभी सुनवाइयों को स्थगित किए जाने की राय देने और काउंसिल के अन्य सदस्यों से इस मसले पर अपना मंतव्य देने के लिए जारी किए गए पत्र का हवाला दिया गया है. जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष शम्भू अग्रवाल के हस्ताक्षर से प्रधान न्यायायुक्त को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि अगले 15 दिनों तक रांची में वर्चुअल माध्यम से चल रही सुनवाई को भी पूर्ण रूप से स्थगित कर दिया जाए.ताकि सिविल कोर्ट से जुड़े हुए न्यायिक पदाधिकारियों, अधिवक्ताओं और सिविल कोर्ट के सुरक्षाकर्मियों समेत यहां से जुड़े अन्य लोगों के बीच कोरोना संक्रमण फैलने की संभावना कम हो. काउंसिल के अध्यक्ष की राय पर रांची जिला बार एसोसिएशन ने अपनी सहमति जताई है.
बता दें कि झारखंड स्टेट बार काउंसिल के अध्यक्ष राजेंद्र कृष्णा ने राज्य की मौजूदा स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को देखते हुए राज्य के सभी अदालतों की सुनवाई अगले 15 दिनों तक स्थगित करने की राय दी है. वहीं उन्होंने काउंसिल के अन्य सदस्यों से इस पर लिखित राय मांगी है. काउंसिल अध्यक्ष राजेंद्र कृष्णा अन्य सदस्यों से मंतव्य मिलने के बाद झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस और मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर राज्य के सभी न्यायालयों में अगले 15 दिनों तक सभी तरह की सुनवाइयों पर रोक लगाए जाने का आग्रह करेंगे.
सुनवाई स्थगित करने का मकसद कोरोना के संक्रमण से बचाना है
JSBC अध्यक्ष के मुताबिक अदालतों में सुनवाई स्थगित किये जाने के आग्रह के पीछे का मकसद अधिवक्ताओं और उनके क्लर्क को कोरोना के संक्रमण से बचाना है. क्योंकि अगर किसी अधिवक्ता या उनके क्लर्क को कोरोना का संक्रमण होता है तो राज्य में उन्हें बेहतर इलाज मिले इसकी गारंटी नहीं है.