Ranchi: गुरुद्वारा श्रीगुरुनानक सत्संग सभा द्वारा श्री गुरु गोविंद सिंह जी के 357वें प्रकाश पर्व पर शनिवार को दो दीवान सजाया गया. इसमें हजूरी रागी जत्था के साथ दिल्ली से आये सिख पंथ के प्रसिद्ध कीर्तनी जत्था भाई प्यारा सिंह ने साथियों संग शबद गायन कर संगत को निहाल किया. गुरु का अटूट लंगर भी बरता. पंगत में बैठ संगत ने गुरु का लंगर चखा. गुरुद्वारा साहिब, कृष्णा नगर कॉलोनी रातू रोड में सुबह आठ बजे पहले दीवान की शुरुआत हजूरी रागी जत्था भाई महिपाल सिंह ने आसा दी वार कीर्तन से की. इसके बाद उन्होंने तहीं परकाश हमारा भयो पटना शहर विखे भव लयो…. और वाहो वाहो गोबिंद सिंह जी,कलगियां वाले गोविंद सिंह जी… शबद गायन कर संगत मो मंत्रमुग्ध कर दिया. इनके बाद दिल्ली से आये सिख पंथ के प्रसिद्ध कीर्तनी जत्था भाई प्यारा सिंह ने साथियों संग मैं हूं परम पुरख कउ दासा देखन आयो जगत तमासा… और नस वंझऊ किलविखो करता घर आया… शबद गायन कर सब को निहाल कर दिया. दिन के 11 बजे श्रीअनंद साहब जी के पाठ और अरदास के साथ दीवान की समाप्ति हुई. गुरुद्वारा के हेड ग्रंथी ज्ञानी जिवेंदर सिंह ने अरदास कर हुकमनामा सुनाया. कढ़ाह प्रशाद प्राप्त कर धर्मावलंबियों ने नास्ते का लंगर पाया.
रात्रि दीवान में बही गुरु भक्ति की अविरल धारा
एक ओर पुरुष, दूसरी ओर महिला संगत, बीच में सजे दीवान के समक्ष मत्था टेकते श्रद्धालुओं की कतार और दूसरे किनारे शबद कीर्तन कर वातावरण में भक्ति रस धोलते रागी जत्था. यह खुबसूरत नजारा शनिवार की रात गुरुद्वारा साहिब, रातू रोड में देखने को मिला. यहां दशमेश पिता के प्रकाश पर दूसरा रात्रि दीवान सजाया गया. इसमें हजूरी रागी और स्त्री सत्संग सभा ने शबद गायन कर संगत का मन मोहा ही, प्रसिद्ध कीर्तनी जत्था भाई प्यारा सिंह ने भी साथियों संग गुरु भक्ति की अविरल धारा बहायी. एक के बाद एक शबद गायन कर साध संगत को देर रात तक झुमाया. रात साढ़े 11 बजे अरदास और हुकूमनामा के साथ दीवान की समाप्ति हुई. वहीं श्रीगुरु गोविंद सिंह जी के प्रकाश पर्व पर तिसरा और अंतिम दिनवान सुबह साढ़े दस बजे से सजाया जायेगा. इसमें हजूरी रागी जत्था और स्त्री सत्संग सभा संग भाई प्यारा सिंह अपने साथियों के साथ शबद गायन करेंगे. इस मौके पर गुरुनानक सेवक जत्था द्वारा रक्तदान शिविर भी लगाया जाएगा. मीडिया प्रभारी नरेश पपनेजा ने लोगों से रक्त दान महादान के भाव से रक्तदान करने की अपील की है. दीवान में अर्जुन देव मिढ़ा, मनीष मिढ़ा, सुरेश मिढ़ा, हरगोविंद सिंह, अशोक गेरा, अमरजीत गिरधर, चरणजीत मुंजाल, वेद प्रकाश मिढ़ा, बिनोद सुखीजा, नानक चंद अरोड़ा, महेंद्र अरोड़ा, सरदार भूपेंद्र सिंह, अनूप गिरधर, रिक्की मिढ़ा, इंदर मिढ़ा, रमेश पपनेजा, हरीश मिढ़ा, राकेश गिरधर, किशोर मिढ़ा, पंकज मिढ़ा, आशु मिढ़ा, नवीन मिढ़ा, नरेश मक्कड़, रमेश गिरधर, उमेश मुंजाल, मनीष मल्होत्रा, नीरज सरदाना, हरिश तेहरी, मनीष गिरधर, अमर सिंह मुंजाल, शीतल मुंजाल, मंजीत कौर, रेशमा गिरधर, नीतू किंगर, दुर्गी देवी मिढ़ा, खुशबू मिढ़ा, बिमला मिढ़ा, रजनी तेहरी, इंदु पपनेजा, नीता मिढ़ा, गरिमा पपनेजा, मीना गिरधर आदि दीवान में मुख्य रूप से शामिल हुए.
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