Ranchi : राष्ट्रीय भारतीय छात्र संघ के बैनर तले डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय में गुरूवार को करम पूर्व संध्या का आयोजन हुआ. जगलाल पाहन ने पारंपरिक विधि-विधान से करम पूजा संपन्न कराई. इस अवसर पर छात्रों ने कहा कि करम पर्व मिट्टी से जुड़ा पर्व है.
आदिवासी समाज अपनी संस्कृति और परंपरा के साथ हमेशा खड़ा रहता है. आधुनिकता के दौर में युवा अपनी भाषा और बोली भूलते जा रहे हैं. वहीं ऐसे आयोजन उन्हें जड़ों से जोड़ने का काम कर रहे हैं.
भादो एकादशी करम गढ़ाई हो, दुयो रे बहिन खेले जाब... के गीतों पर झूमे विद्यार्थी
ईटकी के स्वागत टीम ने सभी अतिथियों को भादो एकादशी करम गढ़ाई हो, दुयो रे बहिन खेले जाब... जैसे लोक गीत और मनमोहक नृत्य की प्रस्तुति से अखड़ा परिसर तालियों की गड़गड़ाहट से गूज उठा.
वहीं आधुनिक नागपुरी गायक आरती मिर्धा की प्रस्तुति ने भी युवाओं को खूब झुमाया. सभी ने एक स्वर में कहा कि संस्कृति किताबों में नहीं, बल्कि आदिवासी समाज के दिलों में बसती है. गीत और नृत्य ही हमारी असली पहचान हैं. सामुहिकता में एकता बढती है.
इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष विनय उरांव, ग्रामीण जिला अध्यक्ष अक्षय महतो, महानगर अध्यक्ष सतीष केसरी, प्रेम प्रतिक, अरविंद कुमार, अरुण साहू, मनीष कुमार, अमरिता उरांव, शिवम केसरी, पवन नायक, अनिशा गाड़ी समेत बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थे.
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