- खेलगांव के टाना भगत स्टेडियम में हुआ ‘एसआईपी प्रोडिजी 2024’ का सफल आयोजन
- राज्य के 2,050 प्रतिभागी हुये शामिल, 5 मिनट में 150 से 300 अर्थमैटिक किये सॉल्व
Ranchi : रविवार को एसआईपी एकेडमी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने अखिल झारखंड राज्य ‘एसआईपी प्रोडिजी 2024′ का खेलगांव के टाना भगत स्टेडियम में सफल आयोजन किया. जिसमें रांची, जमशेदपुर, रामगढ़, हजारीबाग, झुमरी तिलैया, बोकारो, चास, धनबाद, डाल्टनगंज, चक्रधरपुर, खूंटी, देवघर, मधुपुर का प्रतिनिधित्व करने वाले 75 एसआईपी लर्निंग सेंटरों से पहुंचे 2,050 प्रतिभागियों ने अबेकस के मानसिक अंकगणितीय प्रतियोगिता में भाग लिया. प्रतिभागियों के कैलकुलेशन को देखकर सभी दंग रह गये.
राज्य के विभिन्न जिलों से आये बच्चों ने बेहतर प्रदर्शन किया. जिसमें चैंपियन, फर्स्ट रनरअप, सेंकेंड रनरअप, थर्ड रनरअप को सेलेक्ट किया गया. वहीं विनरों को ट्रॉफी और मेडल देकर सम्मानित किया गया. राजधानी रांची के अशोकनगर और ओवरब्रिज सेंटर के बच्चों ने भी बेहतर प्रदर्शन किया. सभी सेंटर के बेहतर करने वाले प्रतिभागियों को उनके सेंटर पर भी सम्मानित किया जायेगा.
यहां बता दें कि एसआईपी एकेडमी इंडिया, भारत व विदेशों में 19 बार इंटरनेशनल अबेकस और मानसिक अंकगणितीय प्रतियोगिताओं का आयोजन करने वाली एकमात्र कंपनी है. इसके साथ ही झारखंड में 18वीं बार ये प्रतियोगिता आयोजित की गयी. एसआईपी प्रोडिजी’ प्रतियोगिता चार बार लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी दर्ज हो चुकी है.
इस मौके पर स्टेट हेड इकबाल सिंह होरा ने बताया कि एसआईपी अबेकस का यह 19वां साल है, जिसमें 75 सेंटर से 2050 बच्चों ने भाग लिया. इस मंच से आज बच्चों ने अपनी प्रतिभा दिखाई. इस आयोजन से सभी के पैरेंट्स भी काफी खुश हैं. इसमें सभी शिक्षकों और पैरेंट्स के साथ-साथ बच्चों की मेहनत झलक रही है. उन्होंने इस सफल आयोजन के लिए पूरी टीम को धन्यवाद दिया.
उन्होंने कहा कि 5 मिनट में 150 से 300 अर्थमैटिक सॉल्व करके बच्चों ने यह साबित किया है कि वह कितना बेहतर कर रहे हैं. जो पैरेंट्स अपने बच्चों को अबेकस में नहीं डाले हैं, अब तक वह अपने बच्चों के इस ऐज को बर्बाद कर रहे हैं. 6 से 12 साल की उम्र जो होती है वह बहुत कुछ सीखने की होती हैं. इस उम्र में अगर बच्चों को अबेकस में दिया जाए तो वह काफी बेहतर कर सकते हैं.
आज मोबाइल व टेलीविजन की वजह से बच्चे पढ़ाई पर फोकस नहीं कर पा रहे हैं. एसआईपी के बच्चों से अगर मिलेंगे तो उनको मैथ्स सबसे इजी विषय लगेगा. यह हम अपने ट्रेनिंग के माध्यम से बच्चों को सिखाते हैं. उन्होंने सभी माता-पिता से अपील करते हुये कहा कि क्लास वन से 7 तक के बच्चे के हुनर को पहचानें. वह सही मार्गदर्शन में अपने हुनर का इस्तेमाल कर इसमें बहुत कुछ कर सकते हैं.
इस प्रतियोगिता में झारखंड अबेकस के कुल 11500 बच्चों में से 2050 चुन्निदा बच्चों ने भाग लिया. जिनमें से कुल 16 चैंपियन और 434 बच्चे विजेता रहे. जिन्हें प्रतियोगिता के बाद सम्मानित किया गया. इस प्रतियोगियों में पांच मिनट में बच्चों ने सौ से दो सौ तक गणित के सवाल हल किये.
इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि निदेशक एसआईपी अकादमी इंडिया एंड इंटरनेशनल सीबी शेखर, क्षेत्रीय प्रबंधक शुभजीत मलिक, प्रमुख फ्रेंचाइजी और कौशल विकास संजीव मेनन, प्रबंधक उत्पाद अरुण रामचंद्रन मौजूद रहे. साथ ही झारखंड राज्य प्रमुख इकबाल सिंह होरा और क्षेत्र प्रमुख सुरेंद्र सैनी मौजूद रहे.
जानें एसआईपी एकेडमी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के बारे में
एसआईपी (सोशेबल इंटेलेक्चुअल प्रोग्रेसिव) अकादमी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, बच्चों के लिए एक कौशल विकास संगठन है, जिसका मुख्यालय चेन्नई में है. SIP अकादमी भारत द्वारा प्रदान किए जाने वाले विभिन्न कार्यक्रम वर्षों के शोध और परीक्षण के बाद विकसित किए गए हैं और अंतर्राष्ट्रीय मानकों पर आधारित है. ये कार्यक्रम बच्चों में विभिन्न कौशल विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं. 6-12 वर्ष के बच्चों के लिए खुला कार्यक्रम है. जिसमें ब्रेन जिम अभ्यास के साथ अबेकस सिखाया जाता है. इसे मानसिक अंकगणित के रूप में जाना जाता है, जो बच्चे की मस्तिष्क की क्षमता को बढ़ाता है. SIP प्रोग्राम दुनियाभर के 14 देशों में 800 से अधिक केंद्रों पर उपलब्ध है. वर्तमान में इस एकेडमी में 1,10,000 छात्र हैं. एसआईपी एकेडमी इंडिया दुनिया की इकलौती अबेकस कंपनी है, जो बच्चे के मानसिक गणनात्मक कौशल में 5 गुना सुधार की गारंटी देती है.
यह ISO 9001: 2008 प्रमाणित संगठन है. SIP अकादमी इंडिया जनवरी 2002 से भारत में कार्यक्रम आयोजित कर रही है. स्थापना के बाद से 23 राज्यों दिल्ली (NCR), हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, आंध प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, केरल, पुडुचेरी, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, त्रिपुरा, असम, बिहार, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के 350 शहरों में 800 शिक्षण केंद्रों में 7,50,000 बच्चों को प्रशिक्षित किया है.
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