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मांगें पूरी नहीं हुईं तो राज्य सरकार के खिलाफ चरणबद्ध आंदोलन करेंगे- शीतल ओहदार
Ranchi: टोटेमिक कुडमी विकास मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष शीतल ओहदार ने कहा कि 20 सितंबर को कुड़मी जनजाति को अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल करने तथा कुड़माली भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर झारखंड के मुरी रेलवे स्टेशन, गोमो स्टेशन, नीमडीह स्टेशन, घाघरा स्टेशन और ओडिशा राज्य के हरिचंदनपुर रेलवे स्टेशन, भंजपुर रेलवे स्टेशन एवं जराईकेला रेलवे स्टेशन में रेल टेका आंदोलन किया गया था, जिसमें हजारों हजार की संख्या में कुरमी समाज के लोग अपनी पारंपरिक वेशभूषा, ढोल नगाड़ा, झूमर नाच, छऊ नाच एवं गाजे – बाजे के साथ शामिल हुए थे. वह रविवार को होटल गंगा आश्रम में पत्रकारों से रुबरू होते हुए बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि एक सोची समझी साजिश के तहत कुरमी आंदोलन को दबाने के लिए घाघरा (मनोहरपुर) में रात के अंधेरे में आंदोलनरत युवाओं व महिलाओं पर बर्बरतापूर्वक लाठीचार्ज किया गया, तथा दर्जनों निर्दोष आंदोलनकारियों पर कई आपराधिक धारा लगाकर गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. जिसकी कुड़मी समाज घोर निंदा करता है. उन्होंने राज्य सरकार को बिना शर्त अविलंब कुडमी आंदोलनकारियों को रिहा करने की मांग की है. मांगों की पूर्ति नहीं होने पर मुख्यमंत्री आवास घेराव का निर्णय लिया गया है. साथ ही राज्य सरकार के खिलाफ चरणबद्ध तरीके से उग्र आंदोलन किया जायेगा, तथा सरकार में शामिल विधायक,मंत्रियों को भी भारी विरोध का सामना करना पड़ेगा. उन्होंने बताया कि आगामी 26 सितंबर को झारखंड के मुख्य सचिव से होने वाली वार्ता पर भी टोटेमिक कुड़मी विकास मोर्चा के प्रतिनिधिमंडल शामिल नहीं होंगे, उन्होंने कहा कि जब तक हमारे कुडमी आंदोलनकारी को बिना शर्त रिहा नहीं किया जाता तब तक कोई वार्ता नहीं होगी. मौके पर केंद्रीय प्रधान महासचिव रामपोदो महतो, सखिचंद महतो, दानी महतो, सुषमा देवी, सोनालाल महतो, रावंती देवी आदि शामिल थे.
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