Ranchi: गोंदा थाना क्षेत्र के कांके रोड में एक सीसीएल कर्मचारी अनिल कुमार द्वारा करीब छह साल से कब्जा किए गए एक फ्लैट को मजिस्ट्रेट और पुलिस बल की मदद से खाली कराया गया. मंगलवार को कोर्ट के आदेश पर फ्लैट खाली कराया गया. यह फ्लैट एक विधवा महिला, नमिता मुखर्जी का है, जिनके पति सीआईएसएफ में असिस्टेंट कमांडेंट थे और उनका निधन 26 फरवरी 2020 को हो गया था.
सीसीएल कर्मचारी, अनिल कुमार ने फ्लैट खाली करने से मना कर दिया
नमिता मुखर्जी झारखंड की मूल निवासी हैं और उनके पति तपन मुखर्जी के निधन के बाद उन्होंने अपने फ्लैट, फ्लैट संख्या 303-C में वापस आने का फैसला किया. हालांकि उनके फ्लैट में रहने वाले सीसीएल कर्मचारी, अनिल कुमार ने फ्लैट खाली करने से मना कर दिया.
अनिल कुमार ने शुरुआत में कुछ महीने तक किराया दिया, लेकिन उसके बाद उन्होंने चार साल से अधिक समय तक किराया देना बंद कर दिया. नमिता मुखर्जी ने उनसे कई बार फ्लैट खाली करने का अनुरोध किया, लेकिन हर बार उनका अनुरोध अनसुना कर दिया गया.
आखिरकार नमिता मुखर्जी को न्याय के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा. लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद अदालत ने नमिता मुखर्जी के पक्ष में फैसला सुनाया. अदालत ने अनिल कुमार को न केवल फ्लैट खाली करने का आदेश दिया, बल्कि उन्हें बकाया किराया, जो लगभग पांच लाख रुपये है, का भुगतान करने का भी आदेश दिया.
एसडीओ उत्कर्ष कुमार के निर्देश पर एक साल के अंदर हुई कार्रवाई
फ्लैट पर कब्जा को लेकर साल 2024 में कोर्ट में शिकायत की गई थी, जिसके बाद रांची सदर एसडीओ उत्कर्ष कुमार के निर्देश पर एक साल के अंदर पूरे मामले का निपटारा किया गया और पीड़ित पक्ष को उनके फ्लैट पर उनका हक दिलवाया गया.
मजिस्ट्रेट की देखरेख में खाली कराया गया फ्लैट
अदालत के आदेश के बाद आज मजिस्ट्रेट की देखरेख में गोंदा थाना की पुलिस टीम ने फ्लैट को खाली करवाया. इस घटना की सभी लोगों ने निंदा की है, खासकर इसलिए क्योंकि एक सरकारी कर्मचारी ने एक विधवा महिला को इतने सालों तक परेशान किया.
नमिता मुखर्जी ने झारखंड के मुख्यमंत्री से अपील की है कि वे इस मामले का संज्ञान लें और अनिल कुमार के खिलाफ उचित कार्रवाई करें. उन्होंने यह भी अनुरोध किया है कि उन्हें उनका बकाया किराया जल्द से जल्द दिलवाया जाए.
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