सिल्ली व सोनाहातू के 17 घाटों से हो रहा बालू का अवैध कारोबार
हमने जानकारी जुटायी, तो दो नाम सामने आए. छोटू झा और दीपक महतो. छोटू झा सरायकेला जिला के आदित्यपुर इलाके का रहने वाला है, जबकि दीपक महतो रांची के टाटीसिल्वे का रहने वाला है.छोटू झा को रांची में विकास के नाम से लोग जानते हैं. हर थाना के प्रभारियों के बीच विकास नाम ही प्रचारित प्रसारित किया गया है. हालांकि यह असली नाम नहीं है. बताया जाता है कि इन्हीं दो लोगों के हाथ में सिल्ली व सोनाहातू इलाके में अवैध बालू का कंट्रोल है. यही दो सख्स सिस्टम को उपर से नीचे तक मैनेज करता है. थाना या प्रखंड स्तर के पदाधिकारी तो इनके सामने बौने बन जाते हैं.
छोटू झा हर दो-तीन दिन पर सिल्ली-सोनाहातू इलाके में फॉर्च्यूनर गाड़ी से आता जाता है लगाम गांव निवासी उसका एजेंट बंता के पास रह कर बालू लदे हाईवा का नंबर गिनने का काम करता है.रांची-सिल्ली रोड में गोदलीपोखर में शाम के 5.00 बजे एक ट्रांसपोर्ट में सभी अवैध बालू कारोबारी जुटटे हैं. यहां पर दीपक व अमित महतो नाम का व्यक्ति होता है, जो सारी डिलिंग करता है. बालू काम काम करने वालों को हर दिन एक टोकन लेना पड़ता है. टोकन देने वाला व्यक्ति काले रंग की थार गाड़ी पर घूमता है. टोकन लेते वक्त ही एक ट्रिप के बदले अवैध वसूली का रकम देना पड़ता है.
टोकन जिसके पास भी होता है, उसकी अवैध बालू लदे हाईवा को कोई नहीं रोक सकता. 500 रुपये प्रति हाईवा अलग से उस सिस्टम को देना पड़ता है, जिसकी जिम्मेदारी हाईवा को सुरक्षित रांची तक पहुंचाना होता है.टोकन बंटने के बाद गाड़ियों का नंबर अवैध खनन करने वालों को दे दिया जाता है. जिसके बाद राडू, कांची व स्वर्णरेखा नदी से अवैध बालू का खनन कर हाईवा में लोड किया जाता है. अवैध बालू खनन में शामिल कुछ लोगों ने खुद का हाईवा खरीद लिया है, उनके नाम मनोज, बोलाई, परदेसी, शकर आदि हैं.
- जारी.... कल पढ़ेंः.. जहां वैध खनन नहीं हो सकता, वहां अवैध खनन खुल्लम-खुल्ला...
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