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रांची : विस्थापितों के लिए बनी कॉलोनी का चार साल बाद भी नहीं हुआ आवंटन

जगन्नाथ मंदिर के पास आनी गांव में विस्थापन नीति के तहत बने हैं 400 एकल आवास कॉलोनी में रह रहे हैं पुलिसकर्मी, आवंटन से पहले है जर्जर होने लगा है आवास
  • Subham Kishor
Ranchi : जगन्नाथ मंदिर के पास के आनी गांव में विस्थापितों के बनी कॉलोनी में पिछले चार साल से पुलिसकर्मियों का कब्जा है. हालत यह है कि 188 करोड़ रुपये की लागत से विस्थापितों के लिए बनी कॉलोनी विस्थापितों को मुहैया कराने से पहले ही बदहाल होने लगी है. 2019 में बन कर तैयार कॉलोनी के 4 साल बीत जाने के बाद घरों की खिड़कियां व दरवाजे टूटने लगे हैं. लोहे के दरवाजे जंग खाने लगे हैं. बिजली के उपकरण खराब होने लगे हैं. आधुनिक कॉलोनी बेरंग होने लगी है और अब तक विस्थापितों को हैंडओवर नहीं किया गया है. https://lagatar.in/wp-content/uploads/2023/07/331-4.jpg"

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नया विधानसभा भवन को लेकर विस्थापित हुए थे स्थानीय लोग

झारखंड के नये विधानसभा के उद्घाटन के लगभग 4 साल बीत चुके हैं और वहां विधानसभा सत्र के साथ बजट भी पेश हो चुके हैं. लेकिन जिस स्थान पर नये विधानसभा का निर्माण हुआ, वहां के विस्थापितों को अब तक घर नहीं मिला है. जगन्नाथ मंदिर के पास के आनी गांव में विस्थापन नीति के तहत 400 एकल मंजिला घरों की नई कॉलोनी का उद्घाटन तत्कालीन सीएम रघुवर दास ने जुलाई 2019 में किया था. इसके साथ रघुवर दास ने इस कॉलोनी का नामकरण ठाकुर विश्वनाथ शाहदेव कॉलोनी किया था. लेकिन 4 वर्ष बीत जाने के बाद भी विस्थापितों को उनका हक नहीं मिल सका है. https://lagatar.in/wp-content/uploads/2023/07/321-4.jpg"

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58 एकड़ में फैली ही कॉलोनी

जानकारी के अनुसार 58 एकड़ की इस कॉलोनी का निर्माण राम कृपाल कंस्ट्रक्शन ने किया था. पॉश और आधुनिक दिखने वाली इस कॉलोनी में 400 घर हैं. जिसमें 1250 वर्गफुट कारपेट एरिया के साथ कुल क्षेत्र 2700 वर्गफुट का है. एक घर में तीन रूम, एक डाइनिंग हॉल, एक रसोई घर और दो बाथरूम हैं. जबकि इस परिसर में एक स्कूल, सामुदायिक भवन, दो शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, मैदान के साथ सभी सुविधाएं हैं. यहां 20 फीट चौड़ी ब्लैकटॉप रोड, पेयजल की सुविधा, जल निकासी की आधुनिक व्यवस्था और नियमित बिजली आपूर्ति के लिए भूमिगत केबल और स्ट्रीट लाइटें भी हैं.

अस्थायी आइसोलेशन सेंटर बना था, तब से है पुलिसवालों का बसेरा

वर्ष 2020 में कोविड के दौरान इस विस्थापित कॉलोनी को पुलिसकर्मियों के लिए अस्थायी आइसोलेशन सेंटर चालू किया गया था. लेकिन अब भी वहां पुलिस की दस यूनिट (लगभग 600 पुलिसकर्मी) वहां रह रही है. नया विधानसभा भवन चार गांवों कुटे, लाबे, तिरिल और आनी के ग्रामीणों की जमीन लेने के बाद बनाया गया है. तत्कालीन सरकार ने उन्हें अलग घर देने का वादा किया था, जो अबतक पूरा नहीं हुआ है. इसे भी पढ़ें – सीएम">https://lagatar.in/cm-will-inaugurate-free-skill-training-and-employment-incentive-transport-allowance-on-saturday/">सीएम

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