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रांची : निजी एजेंसी चला रही झारखंड की सबसे पुरानी स्टेट लाइब्रेरी

झारखंड सरकार की ओर से सात पद हैं स्वीकृत, सभी खाली  आउटसोर्सिंग पर काम कर रहे लाइब्रेरियन समेत सभी कर्मचारी Ranchi : झारखंड की सबसे पुरानी स्टेट लाइब्रेरी निजी एजेंसी चला रही है. आउट सोर्सिंग के जरिये ही यहां का काम चल रहा है. एजेंसी ने ही आउटसोर्सिंग पर लाइब्रेरियन समेत सभी पोस्ट पर मैन पावर दी है. जबकि झारखंड सरकार द्वारा स्टेट लाइब्रेरी के लिए सात पद स्वीकृत हैं. लेकिन सरकार द्वारा एक भी कर्मचारी को बहाल नहीं किया गया है. सभी कर्मचारी प्राइवेट में ही काम कर रहे हैं. हालत यह है कि वर्ष 2020 में लाइब्रेरियन अमरेंद्र कुमार के रिटायर होने के बाद एजेंसी ने ही सेवानिवृत्त लाइब्रेरियन को इस पद पर रखा है.

200 से अधिक विद्यार्थियों को नहीं मिलती पढ़ने की जगह

रांची विश्वविद्यालय की सेंट्रल लाइब्रेरी के बंद होने के बाद से स्टेट लाइब्रेरी में अतिरिक्त छात्रों का बोझ बढ़ गया है. लाइब्रेरियन की मानें तो फिलहाल यहां प्रतिदिन क्षमता से 200 अधिक विद्यार्थी आते हैं. इसके चलते सभी को जगह नहीं मिल पाती है. उनके लिए सीट की दिक्कत हो जाती है. यहां कुल 800 विद्यार्थियों के बैठने की व्यवस्था है. लड़के और लड़कियों के लिए अलग-अलग बैठने की व्यवस्था है. लाइब्रेरी में कुल नौ हॉल हैं. इनमें 5 लड़कों और 4 लड़कियों के लिए हैं. लड़कियों के लिए भोजन के लिए अलग कमरा और अलग कॉमन रूम है. लाइब्रेरी में लगभग 90000 पुस्तकें उपलब्ध हैं. इसे भी पढ़ें – दिवंगत">https://lagatar.in/raghuvar-das-met-the-family-of-late-rajendra-sahu-attacked-hemant-sarkar/">दिवंगत

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