Ranchi: श्रीलक्ष्मी वेंकटेश्वर तिरुपति बाला जी मंदिर का तीन दिनी
कल्याणोत्सव सह वार्षिकोत्सव शुक्रवार को कलश स्थापना के साथ प्रारंभ हो
गया. अनुष्ठान के क्रम में वर वेंकटेश स्वामी और वधु महालक्ष्मी और माता भूदेवी क हल्दी रस्म अदा की
गयी. दूल्हे राजा और
दुल्हनियों को हल्दी का उबटन लगा कर सुगंधित चंदन का लेपन किया
गया. शहद की मालिश की
गयी. साथ ही दूध, दही, नारियल पानी और गंगाजल से भगवान का अभिषेक किया
गया. वृंदावन धाम से आये स्वामी
अनिरुद्धाचार्य और गोविंद दास जी संग भक्तों ने आरती
उतारी. खीर, पोंगल और फल का भोग
लगाया. पुष्प और कुमकुम अर्चना कर सभी ने मंगल कामनाएं
की. जयकारों से मंदिर परिसर गूंज
उठा. कांचीपुरम से आये प्रधान आचार्य
श्रीवत्स भट्टर,
कन्नन भट्टर, रंगराज
भट्टर संग अन्य पुरोहितों ने वैदिक मंत्रोच्चार और दक्षिण के
वाद्ययंत्रों की मधुर स्वरलहरियों के बीच पूजन-अनुष्ठान संपन्न
कराया. वर पक्ष - राम अवतार नारसरिया-शारदा नारसरिया, वधू पक्ष -
श्रीदेवी की तरफ से रमेश धरनीधरका-शशि
धरनीधरका और भूमि देवी पक्ष की ओर से गौरव गुप्ता-पत्नी रचयिता गुप्ता ने मुख्य यजमान के रूप में हिस्सा
लिया. बड़ी संख्या में भक्तों ने सह यजमान के रूप में भागीदारी
निभायी. सभी को रक्षा सूत्र धारण कराया
गया. गोपाल लाल चौधरी, विनय धरनीधरका, अनूप अग्रवाल, प्रदीप नारसरिया, अनीष अग्रवाल, श्रवण खंडेलवाल, रंजन सिंह, सुशील लोहिया, कन्हैया लोहिया ने इसमें मुख्य रूप से उपस्थिति दर्ज करायी.
प्रसन्न होते हैं देवता : अनिरुद्धाचार्य जी
अनिरुद्धाचार्य जी ने भक्तों को
आशीवर्चन प्रदान करते हुए कहा कि भगवान के महोत्सव में भाग लेने से सभी देवता तो प्रसन्न होते ही
हैं. साथ ही
वक्री ग्रह राहु-केतु, शनि आदि भी सहज
रिझ जाते
हैं. भक्तों के जीवन में सुख-समृद्धि और शांति के बनी रहती
है. उन्होंने कि महालक्ष्मी ने जो भी धन-संपत्ति दी है, उसे भगवान वेंकटेश की सेवा में लगाना
चाहिए. भगवान की सेवा में लगाने से धन और संपत्ति कई गुना बढ़ाकर वापस मिल जाती
है. आज नगर भगवान को निकलेंगे भगवान
कल्याणोत्सव के दूसरे दिन शनिवार को भगवान वेंकटेश नगर भ्रमण को
निकलेंगे. बाला जी मंदिर में सुबह से दोपहर बाद तक पूजन-अनुष्ठान
चलेगा. दिन के तीन बजे गाजे-बाजे के साथ भव्य शोभायात्रा निकाली
जायेगी. रंजन सिंह ने बताया कि इसमें शामिल श्रद्धालु
गाड़ी खाना चौक,
कार्ट सराय रोड होते हुए जेजे रोड, शहीद चौक, पुस्तक पथ, गांधी और महावीर चौक होते
श्रीराणी सती मंदिर रोड स्थित स्वामी भगवान दास सत्संग हॉल
लौटेंगे. रविवार को यहां भगवान का विवाह रचाया
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